सर्दियों के मौसम में ठंडी और शुष्क हवा बढ़ा रही आंखों की समस्या, डाक्टर की सलाह भूलकर भी न करें इग्नोर
सर्दियों में ठंडी और रूखी हवाएं आंखों में सूखेपन की समस्या बढ़ा रही हैं। दून मेडिकल कालेज अस्पताल में 30 प्रतिशत मरीज इसी समस्या से पीड़ित हैं। डाक्टर ...और पढ़ें

राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में नेत्र रोग विभाग में आंखों की जांच करते डा सुशील ओझा
सुमित थपलियाल, जागरण देहरादून: ठंडी हवा और आग के पास सुहावनी शाम भले किसे पसंद ना हो। लेकिन, सर्दियों में ठंडी और शुष्क हवाएं आंखों की समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
इन दिनों लोग सूखी आंखों की समस्या लेकर चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं। राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में हर दिन आने वाले मरीजों में 30 प्रतिशत तक इस समस्या से गुजर रहे हैं।
ऐसे में चिकित्सकों का कहना है कि पर्याप्त पानी का सेवन, पोषक तत्वों से भरपूर आहार, स्क्रीन टाइम सीमित करना, ह्यूमिडिफायर का उपयोग और समय-समय पर आंखों की जांच को आंखों को स्वस्थ बनाए रख सकता है।
राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुशील ओझा का कहना है कि सर्दियों में ठंडी और शुष्क हवाएं आंखों की समस्या की वजह बन सकती है।
ठंडी, शुष्क हवा, घर के अंदर के हीटिंग और डिजिटल स्क्रीन की चमकदार नीली रोशनी के साथ मिलकर आंखों में जलन, खुजली और थकान का एहसास कराती है। सूखी आंखों के लक्षणों में सोते समय आंखों में चुभन, पानी आना और पलकें चिपचिपी होना शामिल हैं।
कम धूप और कोहरे से दृश्यता कम हो जाती है, आंखों पर तनाव और थकान बढ़ जाती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है। इस मौसम में आंखों का सूखना समस्या है, लेकिन जीवनशैली में कुछ आसान बदलावों से आप अपनी आंखों को स्वस्थ रख सकते हैं।
इस मौसम में धुआं आदि प्रदूषण नीचे रहता है। इससे आंखों के पास आने पर यह जलन, खुजली आदि बढ़ा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अपने घर के अंदर के वातावरण को नियंत्रित रखें, हीटर ब्लोअर की गर्माहट भी आंखों को प्रभावित कर सकती है।
- ठंड का मौसम आपकी आंखों में खुजली कर सकता है, ऐसे में पर्याप्त पानी पीते रहें
- घर से जब भी बाहर निकल रहे हैं तो धूप का चश्मा जरूर पहनें।
- आंखों की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें, अपने हाथ नियमित रूप से धोएं, बिना धोए हाथों से अपनी आंखों को छूने से बचें।
- आंखें मलने से बचें, अपनी आंखें रगड़ने से लालिमा, जलन हो सकती है और रोगाणु फैल सकते हैं।
- स्क्रीन टाइम कम करने के लिए हर 20 मिनट पर 20-20-20 नियम का पालन करें, इससे तनाव व सूखापन नहीं होगा।
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