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    धामी सरकार ने शिक्षा मित्रों को दिया तोहफा, अब मिलेगा 20 हजार रुपये मानदेय

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Fri, 22 Apr 2022 08:45 PM (IST)

    शिक्षा मित्र लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। शिक्षा मित्रों को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा था। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि की गई है।

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    मासिक मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि

    राज्य ब्यूरो, देहरादून : प्रदेश की धामी सरकार ने शिक्षा मित्रों को तोहफा दिया है। राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों के मासिक मानदेय में पांच हजार रुपये की वृद्धि की गई है। उन्हें 20 हजार रुपये मानदेय मिलेगा।

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    लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे शिक्षा मित्र

    प्रारंभिक शिक्षा अपर सचिव दीप्ति सिंह ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नियत मानदेय पर कार्यरत शिक्षा मित्रों को 15 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जा रहा था। शिक्षा मित्र लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने इस संबंध में 18 दिसंबर, 2021 को शासन को पत्र भेजा था। इसमें मानदेय को बढ़ाने की पैरवी की गई थी।

    राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद आदेश जारी

    अपर सचिव ने बताया कि शिक्षा मित्रों का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव पर राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद आदेश जारी किया गया है। इससे करीब साढ़े सात सौ शिक्षा मित्रों को लाभ होगा। शिक्षा मित्रों की बड़ी संख्या को डीएलएड और टीईटी उत्तीर्ण होने के बाद प्राथमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर समायोजित किया जा चुका है। शेष रह गए शिक्षा मित्रों को रिक्त पदों पर समायोजित करने में वरीयता देने का भरोसा सरकार दे चुकी है।

    शिक्षण में नवाचार का उपयोग जरूरी: कलसी

    पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग से अवकाश प्राप्त आचार्य एवं ख्याति प्राप्त विज्ञानिक डा. पीएस कलसी ने कहा कि कक्षा के अंदर शिक्षकके लिए पाठ्यक्रम समयावधि के अंदर पूर्ण करने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए। विशेष तौर पर उच्च शिक्षण संस्थानों में एक शिक्षक को विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के लिए शिक्षण में नवाचार का उपयोग कर उसे रुचिकर बनाना चाहिए।

    वह शुक्रवार को दून विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ की एक दिवसीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि नवाचार एवं मौलिकता युक्त शिक्षण सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाने में मददगार होगा। वह विद्यार्थियों को नए प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करेगा। प्रो. कलसी ने कहा कि अच्छा शिक्षक वही है, जो अपने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन करे एवं मनोबल बढ़ाए।

    उन्होंने विश्व के कई ख्याति प्राप्त विज्ञानियों एवं नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विज्ञानियों के शोध संस्मरण साझा किए। इस अवसर पर विवि के प्रो. एचसी पुरोहित, डा. विनीत कुमार, डा. सविता कर्नाटक, डा. नरेंद्र रावल, सुधांशु जोशी, डा. अरुण कुमार, डा. नितिन कुमार आदि मौजूद रहे।