जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Rishikesh Karnprayag Rail Project: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर नौ स्टेशनों के निर्माण को तीन टेंडर निकाले जाएंगे। चार स्टेशनों के लिए जुलाई में टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। शेष चार के लिए इसके बाद टेंडर जारी होंगे। रेल परियोजना के सबसे बड़े स्टेशन कर्णप्रयाग के लिए अलग से टेंडर निकाला जाएगा। यहां सबसे अधिक 26 लाइन डाली जानी हैं।
125 किमी लंबी इस परियोजना की 105 किमी लाइन सुरंगों के अंदर से गुजर रही है। सुरंगों का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अब रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) स्टेशनों का निर्माण तेजी से करने की तैयारी में है।
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इन दो स्टेशनों का काम पूरा
वीरभद्र और योग नगरी रेलवे स्टेशन का काम पूरा हो चुका है, जबकि शिवपुरी और व्यासी रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए तकनीकी प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है।
अप्रैल आखिर या मई प्रथम सप्ताह में इन दो रेलवे स्टेशनों के निर्माण का कार्य शुरू होगा। शेष नौ स्टेशनों के निर्माण के लिए भी आरवीएनएल तैयारी में जुटा है।
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आरवीएनएल के उप महाप्रबंधक (सिविल) ओपी मालगुड़ी ने बताया कि इन स्टेशनों के निर्माण के लिए कुल तीन टेंडर निकाले जाने हैं। देवप्रयाग, जनासू, मलेथा व श्रीनगर के लिए पहला, धारी देवी, सुमेरपुर (तिलनी), घोलतीर व गौचर के लिए दूसरा और कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन के लिए अलग से तीसरा टेंडर निकाला जाएगा। स्टेशन निर्माण को पहला टेंडर जुलाई और इसके बाद दूसरा टेंडर निकाला जाएगा। परियोजना का सबसे बड़ा स्टेशन कर्णप्रयाग है। यहां 26 लाइन डाली जानी हैं। बाकी स्टेशनों में दो से तीन लाइन ही डाली जानी हैं।
टर्मिनल के रूप में विकसित होगा कर्णप्रयाग स्टेशन
कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन टर्मिनल (टर्मिनस) के रूप में विकसित होगा। यह एक ऐसा रेलवे स्टेशन होता है, जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती। यहां से ट्रेन उसी दिशा में वापस लौटती है, जहां से वह आई थी। यहां से गाड़ियों को बैक किया जाता है। कर्णप्रयाग रेलवे स्टेशन में माल गोदाम भी बनाया जाना है। इसके साथ ही माल गाड़ियों के लिए अलग लाइन, वाशिंग लाइन, सिक लाइन व रिलिफ ट्रेन के लिए अलग लाइन बनाई जानी है।
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