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    महानिदेशक ने देहरादून स्कूल में बाल श्रम पर लिया संज्ञान, कार्रवाई के आदेश

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 01:47 PM (IST)

    विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक ने छात्रों से गैर-शैक्षणिक कार्य कराने पर सख्त रुख अपनाया है। चमोली और देहरादून में हालिया घटनाओं के बाद उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों से केवल शिक्षण संबंधी कार्य ही कराए जाएं। बाल श्रम पर संवैधानिक रोक का हवाला देते हुए उन्होंने उल्लंघन करने वाले शिक्षकों और प्राचार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

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    देहरादून के बंजारावाला में छात्रों से श्रम व चमोली के एक स्कूल में छात्रों से कार धुलाने का मामला. Concept

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून । विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक दीप्ति सिंह ने स्कूलों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से गैर-शैक्षणिक कार्य करवाए जाने के मामलों में कड़ा संज्ञान लिया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बच्चों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कार्य नहीं कराया जाएगा।

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    महानिदेशक ने कहा कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद-24 बाल श्रम पर रोक लगाता है और अनुच्छेद 21ए प्रत्येक बालक को निश्शुल्क शिक्षा का अधिकार प्रदान करता है। इसके अंतर्गत निश्शुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और उत्तराखंड शासन की अधिसूचना में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

    हाल के दिनों में जनपद चमोली और देहरादून के बंजारावाला में क्रमश: शिक्षक द्वारा कार धुलाने एवं निर्माण सामग्री ढोने जैसे शिकायतें सामने आईं, इसके अलावा विद्यार्थियों से स्कूल में झाड़ू लगवाने, पानी भरवाने या अन्य गैर-शैक्षणिक कार्य करवाने की शिकायतें भी सामने आई। इन मामलों में संबंधित शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई भी की गई है।

    दीप्ति सिंह ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की ओर से निर्धारित राष्ट्रीय कार्यक्रमों व पाठ्य सहगामी गतिविधियों को छोड़कर विद्यार्थियों से अन्य कोई कार्य नहीं लिया जाएगा।

    यदि किसी विद्यालय में उल्लंघन पाया गया, तो प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक व संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी जिलों व खंडों के शिक्षा अधिकारियों को इस आदेश की अनुपालना के निर्देश दे दिए गए हैं।