Updated: Sun, 07 Sep 2025 06:00 AM (IST)
उत्तराखंड में यूकास्ट ने जल संरक्षण के लिए एक अनूठी पहल की है। स्कूली छात्रों को जल संसाधनों का अध्ययन कराया जाएगा ताकि वे जल संरक्षण के महत्व को समझें। हिमालयी क्षेत्र के जल स्रोतों का विश्लेषण किया जाएगा और छात्रों को जल विज्ञान के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया जाएगा। इसका उद्देश्य जल संकट के समाधान और सतत विकास की दिशा में छात्रों को जागरूक बनाना है।
अशोक केडियाल, देहरादून। राज्यभर के नौनिहाल अपने राज्य के जल संसाधनों का अध्ययन करेंगे और जल संरक्षण की मुहिम में शामिल होंगे। उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट) की ओर से स्कूली छात्रों को जल संरक्षण एवं जल संसाधन प्रबंधन से जोड़ने के उद्देश्य से जल शिक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
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इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के स्कूली छात्र-छात्राओं को हिमालयी क्षेत्र के जल संसाधनों के अध्ययन कराया जाएगा ताकि वह अपने आसपास बहने वाले गाड़- गदेरे, धारे-नोले, प्राकृतिक स्त्रोत, जलकुंड के उपयोगिता को समझें।
यूकास्ट का मानना है कि जल शिक्षा एक अत्यंत महत्वपूर्ण पहल है, जो न केवल छात्रों और शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्धन का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि जल संसाधनों के विज्ञानी एवं सतत प्रबंधन की दिशा में भी सार्थक सिद्ध होगी।
जल का महत्व भविष्य की जल सुरक्षा से सीधे जुड़ा है। इसी दृष्टि से यूकास्ट की ओर से यह कार्यक्रम शुरू किया गया है, ताकि विद्यार्थी और आम जनमानस जल संरक्षण, जलस्रोत प्रबंधन और जलस्रोत पुनर्जीवन की प्रक्रिया से गहराई से जुड़ सकें।
इस अभियान के पहले चरण में 1000 छात्र-छात्राओं को इससे जोड़ा जाएगा। छात्रों को जल विज्ञान से संबंधित विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी। विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र के जल संसाधनों के अध्ययन में समस्थानिकों के उपयोग पर जोर दिया जाएगा। यूकास्ट में जल गुणवत्ता प्रयोगशाला के माध्यम से आमंत्रित छात्रों को शुद्ध जल के बारे में प्रयोग कर बताया जाएगा।
इसके अलावा यूकास्ट के विज्ञानी गांव-गांव में स्कूलों में छोटे-छोटे उपकरणों के माध्यम से प्रयोग कर जल संसाधन के बारे में बताएंगे। यूकास्ट के विज्ञानियों का मानना है कि छात्रों को जल संसाधनों के वैज्ञानिक अध्ययन से जोड़ना न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि यह भविष्य में जल संकट के समाधान और सतत विकास की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा।
जन सहभागिता के माध्यम से इस पहल को अधिक प्रभावी बनाने की योजना है। यह कार्यक्रम उत्तराखंड के स्कूली छात्रों को हिमालयी जल संसाधनों के महत्व, उनकी चुनौतियों और संरक्षण उपायों की गहरी समझ प्रदान करेगा और आने वाली पीढ़ी को जल सुरक्षा के लिए जागरूक एवं जिम्मेदार बनाएगा।
भागीरथी नदी के प्रवाह का किया जाएगा विश्लेषण
इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को भागीरथी नदी के प्रवाह का विश्लेषण कर जानकारी दी जाएगी। साथ ही भूजल रिचार्ज की प्रक्रिया, पिघले हुए जल के समस्थानिक संकेतक और भूजल की उपलब्धता एवं आपसी जुड़ाव, जल विज्ञान की महत्ता, ग्लेशियर अध्ययन जैसे विषयों पर भी जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त परमाणु प्रणाली और नाभिकीय संरचना के बारे में भी बताया जाएगा।
हिमालय क्षेत्र का जल संसाधन हमारे लिए परेशानी का सबब न बने बल्कि उत्तराखंड सहित देशभर में जल की मांग को पूरा करे इस दृष्टि से छात्रों को जल संसाधनों का अध्ययन कराने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। -प्रो. दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकास्ट।
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