पहाड़ में कृषि स्टार्टअप की मजबूती को जुटा सेतु आयोग, टिहरी और चंपावत में पायलट प्रोजेक्ट शुरू
सेतु आयोग पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की समस्याओं को दूर करने और कृषि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए गेट्स फाउंडेशन और कृषि विभाग के साथ मिलकर काम कर रहा है। टिहरी और चंपावत में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं, जिनमें वन्यजीवों से फसल सुरक्षा और मिट्टी की जांच जैसी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। आयोग का लक्ष्य किसानों को बेहतर समाधान और बाजार उपलब्ध कराना है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों की समस्याएं हल करने और कृषि स्टार्टअप इको सिस्टम को मजबूत करने के लिए सेतु आयोग अब गेट्स फाउंडेशन और कृषि विभाग के साथ मिलकर कदम उठा रहा है। इस कड़ी में वन्यजीवों से फसल सुरक्षा, फसलों में कीट-व्याधि, खेती में मशीनों का कम इस्तेमाल, सस्ती दर पर कोल्ड स्टोरेज, मिट्टी की जांच से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए टिहरी के आगराखाल और चंपावत के पाटी में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। साथ ही कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
खेती किसानी की तस्वीर संवारने के उद्देश्य से संचालित इन प्रोजेक्ट को लेकर सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने देहरादून और टिहरी में बैठकें की। इनमें गेट्स फाउंडेशन व उसकी सहयोगी संस्था सोशल अल्फा, नाबार्ड, कृषि विभाग, केवीके, जिला प्रशासन के अधिकारियों, एफपीओ के प्रतिनिधियों व किसानों ने भागीदारी की। आयोग के उपाध्यक्ष जोशी के अनुसार इन पायलट प्रोजेक्ट के लिए धन की व्यवस्था गेट्स फाउंडेशन करेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को देश के बेहतरीन समाधान से जोड़ना, खरीदार उपलब्ध कराना, खेती के तौर-तरीकों में सुधार, सहकारी समितियों की मजबूती व तकनीकी का उपयोग बढ़ाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि अब राज्य के चुनिंदा कृषि स्टार्टअप को राष्ट्रीय स्तर पर नए बाजारों से जोड़ने का अवसर मिलेगा।
आयोग के उपाध्यक्ष जोशी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट पहाड़ की खेती की समस्याओं के स्थायी समाधान के रास्ते खोलेगा। उन्होंने बताया कि सेतु आयोग ने अग्रपम कार्यक्रम भी शुरू किया है, जो आगराखाल के किसानों पर केंद्रित है। इसमें स्थानीय एफपीओ को बड़े खरीदारों से जोड़ने की योजना है।
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