SIR In Uttarakhand: क्या 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है नाम ? चिंता न करें; ऐसे करा सकते हैं मैपिंग
देहरादून में यदि आपका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, तो संतान के रूप में मैपिंग करा सकते हैं। इसके लिए माता-पिता या दादा-दादी का नाम देखा जाएगा। ...और पढ़ें

सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून: प्रदेश मे चल रहे प्री-एसआइआर (विशेष गहन पुनरीक्षण से पूर्व) में यदि वर्ष 2003 से पुराना वोटर होने के बावजूद आपका नाम मतदाता सूची में नहीं मिल रहा है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप संतान (प्रोजनी) के रूप में मैपिंग करा सकते हैं। इसके लिए आपके माता-पिता अथवा दादा-दादी का नाम मतदाता सूची में देखा जाएगा।
प्रदेश में इस समय प्री-एसआइआर की तैयारियों के तहत 40 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं का वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मिलान किया जा रहा है। ऐसा माना गया है कि उस समय पहली बार बने मतदाता भी इस समय 40 वर्ष के हो गए होंगे।
इस समय एक बात जो देखने में आ रही है, वह यह है कि वर्ष 2003 के कई मतदाता ऐसा दावा कर रहे हैं कि राज्य गठन से पहले से वे लगातार मतदान करते आ रहे हैं। लेकिन, वर्ष 2003 की मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं है। ऐसे में उन्हें एसआइआर के समय परेशानी उठानी पड़ सकती है।
निर्वाचन आयोग का दावा है कि इसकी संभावना बेहद कम है। बावजूद इसके यदि ऐसी स्थिति आती भी है तो एसआइआर के दौरान उन्हें नाम दर्ज करने में दिक्कत नहीं होगी। एसआइआर शुरू होने पर सभी मतदाताओं को एक-एक गणना फार्म दिया जाएगा।
जिसमें वे अपनी मौजूदा मतदाता सूची के हिसाब से सारी जानकारी दे सकेंगे। साथ ही वे प्रोजनी के रूप में भी अपने माता-पिता व दादा-दादी के नाम का भी जिक्र कर सकते हैं। इससे उनसे उनकी पहचान के अतिरिक्त दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे और उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज हो सकेगा।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास ने कहा कि प्री-एसआइआर का उद्देश्य अधिक से अधिक मतदाता सूची की बीएलओ एप से मैपिंग करना है। यदि किसी का विभिन्न कारणों से इस सूची में नाम नहीं है तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। वे प्रोजनी वोटर के रूप में अपनी मैपिंग करा सकते हैं।

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