उत्तराखंड में भूमि बंदोबस्त के लिए 15 दिन में बनेगी एसओपी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की थी घोषणा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशभर में अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध भूमि बंदोबस्त की घोषणा की है। राजस्व परिषद ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए एक विभागीय समिति का गठन किया है, जो 15 दिनों में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी। भूमि बंदोबस्त के लिए नियमों में संशोधन की आवश्यकता होगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की है पांच वर्षों में चरणबद्ध भूमि बंदोबस्त की घोषणा। आर्काइव
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुसार प्रदेशभर में कृषि भूमि का अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध सर्वेक्षण कर बंदोबस्त की दिशा में राजस्व परिषद ने कदम बढ़ा दिए हैं। परिषद की ओर से इस संबंध में गठित विभागीय समिति 15 दिन में भूमि बंदोबस्त का कार्य प्रारंभ कराने के लिए विस्तृत कार्ययोजना एवं मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर पूरे प्रदेश में कृषि भूमि का चरणबद्ध बंदोबस्त अगले पांच वर्ष में कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा को मूर्त रूप देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके आधार पर चरणबद्ध भूमि बंदोबस्त पर आगे बढ़ा जाना है। भूमि बंदोबस्त के लिए राजस्व अभिलेखों में दर्ज भूमि के बंदोबस्त के लिए विद्यमान नियमों एवं अधिनियमों में संशोधन की आवश्यकता पड़ेगी। इसके दृष्टिगत राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव रंजना राजगुरु ने बताया कि इस संबंध में आठ सदस्यीय विभागीय समिति गठित की गई है।
आठ सदस्यीय समिति में गढ़वाल मंडल के अपर आयुक्त उत्तम सिंह चौहान, राजस्व परिषद के संयुक्त संचालक चकबंदी नरेश चुद्र दुर्गापाल, स्टाफ आफिसर सोनिया पंत, भू-विशेषज्ञ एनएस डांगी, चकबंदी अधिकारी अनिल कुमार, सर्वेक्षण इकाई के पेशी कानूनगो मनोज श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त सर्वे नायब तहसीलदार मोहम्मद मोहसिन एवं सेवानिवृत्त सर्वे कानूनगो मोहन सिंह रावत सम्मिलित हैं।

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