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    इस दीवाली उत्‍तराखंड की सांसों में कम घुला 'जहर', इन कोशिशों के मिले पॉजिटिव रिजल्‍ट

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 01:13 PM (IST)

    उत्तराखंड में दीपावली पर आतिशबाजी से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए ड्रोन से पानी का छिड़काव किया गया। इसके साथ ही, लोगों को प्रदूषण के प्रति जागरूक किया गया। इन प्रयासों के चलते इस बार दीपावली पर हवा में प्रदूषण का स्तर कम रहा, जो एक सकारात्मक परिणाम है।

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    उत्तराखंड में दीपावली पर इस बार पिछली बार की तुलना में कम रहा वायु प्रदूषण। प्रतीकात्‍मक

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में दीपावली पर आतिशबाजी के कारण होने वाले प्रदूषण से सांसों में ''''जहर'''' कम घुला। तंत्र चौकस रहा और आमजन के बीच जागरूकता बढ़ी तो इसका असर भी देखने को मिला है। प्राणवायु का भंडार कहे जाने वाले उत्तराखंड में प्रकाश पर्व पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। राज्य के प्रमुख शहरों में पिछली बार की तुलना में इस बार वायु प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है।

    दीपावली पर आतिशबाजी के कारण हर बार ही हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होती रही है। वायु प्रदूषण की इस चिंता से पार पाने के दृष्टिगत ही पटाखों के कम इस्तेमाल और ग्रीन पटाखों पर विशेष जोर दिया गया। आमजन ने भी इसे स्वीकार करते हुए पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा। यही नहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी देहरादून में दीपावली की रात संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से पानी का छिड़काव किया, ताकि धूल के कण जमीन में बैठ जाएं। साथ ही ऋषिकेश में रास्तों से धूल उठाने वाली मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन का इस्तेमाल किया।

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    इन सब प्रयासों के सार्थक परिणाम आए हैं। आतिशबाजी के कारण हवा में फैलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिली है। पिछले वर्षों तक तमाम शहरों में दीपावली पर वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब स्थिति में पहुंचता रहा है, लेकिन इस बार स्थिति में सुधार दिखा है। उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। यद्यपि, अभी शहरों के वायु प्रदूषण की निगरानी की जा रही है।

    वायु गुणवत्ता सूचकांक

     

    • शहर, इस बार, पिछली बार
    • देहरादून, 128, 269
    • ऋषिकेश, 54, 175
    • काशीपुर, 168, 269
    • रुड़की, 190, 233
    • नैनीताल, 111, 103
    • हल्द्वानी, 198, उपलब्ध नहीं

    यह है मानक

    • वायु गुणवत्ता सूचकांक, श्रेणी
    • 0-50, अच्छा
    • 51-100, संतोषजनक
    • 101-200, मध्यम
    • 201-300, खराब
    • 301-400, बेहद खराब
    • 401-500, अति संवेदनशील

     

    ऐसे निकाला जाता है सूचकांक


    हवा में पिछले 24 घंटे में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 व 10, कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड, नाइट्रोजन आक्साइड, ओजोन की मात्रा का आकलन किया जाता है। फिर इसके आधार पर प्रत्येक शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक निकाला जाता है।

    ‘दीपावली पर आतिशबाजी के कारण हवा प्रदूषित न हो, इसके दृष्टिगत ड्रोन से पानी का छिड़काव जैसे नवाचार किए गए। साथ ही आमजन को जागरूक करने पर जोर दिया गया। इसके बेहतर परिणाम आए हैं।’

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    - पराग मधुकर धकाते, सदस्य सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्तराखंड