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    Teacher Union Protest: नौ सितंबर तक प्रशिक्षण और खेलकूद प्रतियोगिता में शिक्षक नहीं लेंगे भाग, इस बात को लेकर हो रहा विरोध

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:51 AM (IST)

    उत्तराखंड में राजकीय शिक्षक संघ ने सीधी भर्ती का विरोध करते हुए पदोन्नति और स्थानांतरण की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। संघ ने निर्णय लिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पदोन्नति समर्थक शिक्षकों ने मासिक परीक्षा संपन्न कराई और संघ पर शिक्षकों को डराने का आरोप भी लगाया।

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    राजकीय इंटर कालेज बर्नीगाड़ उत्तरकाशी के छात्र-छात्राएं मंगलवार को मासिक परीक्षा देते हुए।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ ने विभागीय सीधी भर्ती का विरोध करते हुए सभी स्तर पर पदोन्नति व स्थानांतरण की मांग को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है। संघ ने निर्णय लिया है कि आंदोलन की अवधि में कोई भी शिक्षक प्रशिक्षण अथवा खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग नहीं करेगा।

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    संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। निर्णय लिया गया कि 27 अगस्त को जनपद मुख्यालयों व 29 अगस्त को मंडल मुख्यालयों पर धरना एवं घेराव किया जाएगा। इसके बाद अगला चरण शिक्षा निदेशालय देहरादून में धरना होगा।

    एक से नौ सितंबर तक जनपदवार धरना दिया जाएगा। एक सितंबर को देहरादून, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग, दो सितंबर को टिहरी व चंपावत, तीन सितंबर को हरिद्वार व नैनीताल, चार सितंबर को पौड़ी व पिथौरागढ़, आठ सितंबर को उत्तरकाशी व अल्मोड़ा के शिक्षक शामिल होंगे। नौ सितंबर को समापन चरण में चमोली और ऊधम सिंह नगर की इकाइयां भी धरना देंगी।

    पदोन्नति समर्थक शिक्षकों ने मासिक परीक्षा संपन्न करवाई 

    उत्तराखंड प्रधानाचार्य विभागीय पदोन्नति परीक्षा के समर्थक शिक्षकों ने मंबलवार को मासिक परीक्षा संपन्न कराई। मंच के संयोजक बृजेश पंवार ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के साथ मिलकर शिक्षण कार्य और मिड डे मील योजना को भी सुचारू रूप से चलाया गया, मंच के प्रांतीय अध्यक्ष दिनेश पांडे ने आरोप लगाए कि राजकीय शिक्षक संघ की अवैध कार्यकारिणी अध्यापकों को डराने धमकाने का कार्य कर रही है।

    वह कार्यभार नहीं छोड़ने वाले प्रभारी प्रधानाचार्यों को संघ से निष्कासित करने की बात कर रही हैं। पांडे ने कहा कि पदोन्नति परीक्षा राज्य की शिक्षण व्यवस्था एवं शिक्षकों के हित में है इसमें वे ही लोग प्रधानाचार्य बनेंगे जिन्हें 15 से 25 वर्ष शिक्षक बने हुए हैं तो यह कैसे वरिष्ठ शिक्षकों के खिलाफ हो सकती है।

    मंच ने यह भी बताया कि वह शीघ्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत से मिलकर संशोधित नियमावली लाने के लिए उनका धन्यवाद ज्ञापित करेगा।