राजाजी टाइगर रिजर्व में लकड़ी तस्कर सक्रिय, बरसात के दौरान गिरे कीमती पेड़ों को लगाया जा रहा ठिकाने
सेंट्रल, हल्द्वानी, मेरठ के राजाजी टाइगर रिजर्व में लकड़ी तस्कर सक्रिय हैं। बरसात में गिरे पेड़ों को ठिकाने लगाया जा रहा है। चीला और हरिद्वार रेंज में गंगा के जरिये बहकर आए पेड़ों को काटकर, डाट बनाकर भीमगौड़ा बैराज तक पहुंचाया गया। पार्क निदेशक ने मामले की जांच कराने की बात कही है। यह क्षेत्र तीन रेंजों और तीन जिलों का मिलान क्षेत्र होने से कार्रवाई में दिक्कत आ रही है।

जागरण संवाददाता, रायवाला। कहने को दीपावली पर्व के मद्देनजर राजाजी टाइगर रिर्जव में इन दिनों हाई अलर्ट घोषित है, लेकिन लकड़ी तस्कर खुलेआम जंगल में घुसकर कीमती पेड़ों को ठिकाने लगा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, चीला व हरिद्वार रेंज के अंतर्गत बरसात के दौरान गंगा के जरिये बहकर आए पेड़ों को आरी से काटा गया। इसके बाद इनकी डाट बनाकर गंगा के जरिये भीमगौड़ा बैराज (हरिद्वार) तक पहुंचाया गया। वहां से लकड़ी को ठिकाने लगा दिया। इन पेड़ों की संख्या एक दर्जन से अधिक बताई जा रही है।
दरअसल, नदी में बाढ़ के दौरान बड़ी संख्या में हर वर्ष पेड़ गिरते हैं। कई भारी भरकम पेड़ पहाड़ी क्षेत्र से बहकर यहां तक पहुंचे हैं। अब यही पेड़ लकड़ी तस्करों के निशाने पर हैं। राजाजी टाइगर रिजर्व में प्रवेश करना जुर्म है, बावजूद इसके बड़े पैमाने पर कीमती पेड़ों पर आरी चल रही है।
जाहिर सी बात है कि इसमें या तो वह कर्मी संलिप्त हैं या क्षेत्र में गश्त नदारद है। इस बारे में पार्क निदेशक डा. कोको रोसे का कहना है कि वह इस मामले की जांच कराएंगे।
तीन रेंजों का है मिलान क्षेत्र
जिस क्षेत्र में पेड़ों का पातन हो रहा है वह मोतीचूर, चीला व हरिद्वार रेंज का मिलान क्षेत्र है। पेड़ों की डाट को गंगा नदी में बहाकर भीमगौड़ा बैराज के समीप ठिकाने लगाने का काम चल रहा है। बैराज के आसपास का क्षेत्र उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के पास है। प्रशासनिक दृष्टि से यह हरिद्वार, पौड़ी व देहरादून जिले का मिलान क्षेत्र भी है। ऐसे में पुलिस भी एक दूसरे का क्षेत्र बताकर कार्रवाई करने से बचती है।
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