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    उत्तराखंड के इस हिल स्‍टेशन के कई स्‍पॉट अभी भी सैलानियों से दूर, यहां के आकर्षक झरने और मखमली बुग्याल बुला रहे पहाड़

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 04:14 PM (IST)

    उत्तराखंड का एक हिल स्टेशन अपनी छिपी हुई सुंदरता के साथ पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। यहां के मनमोहक झरने और मखमली बुग्याल पर्यटकों को शांतिपूर्ण अनुभव प्रदान करते हैं। पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं के साथ, यह क्षेत्र स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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    मखमली घास के बुग्याल और झरने सैलानियों को पहाड़ बुला रहे हैं। जागरण

    संवाद सूत्र जागरण चकराता। चकराता के कई पर्यटन स्थल पर्यटकों से अभी भी दूर हैं। यहां मखमली घास के बुग्याल और झरने सैलानियों को पहाड़ बुला रहे हैं। पर्यटन स्थल चकराता क्षेत्र में अच्छी वर्षा होने के कारण बुग्यालों की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। जहां घासों के बड़े-बड़े मैदान यानि बुग्याल में हरी हरी घास पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने लगी है। जिसकी सुंदरता सैलानियों को लुभा रही है। चकराता का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मोइला बुग्याल इन दोनों काफी खूबसूरत लग रहा है।

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    पूरे बुग्याल में हरी घास अपने आप में स्विट्जरलैंड जैसा एहसास करा रही है। ऐसे ही कई बुग्याल सैलानियों के नजरों से अभी दूर हैं। जैसे चकराता त्यूणी राष्ट्रीय राज मार्ग पर लोखंडी से सेट सरस्वती व मीनाहार बुग्याल हैं, जो अपने आपमें बेहद ही खूबसूरत हैं। इन दिनों बुग्याल घास के मखमली मैदान से लबालब हैं। चकराता के सुंदर बुग्यालों के अलावा यहां के झरने भी यहां के प्राकृतिक सौंदर्य का बोध कराते हैं।

    इन्द्रौली फॉल

    चकराता के प्रसिद्ध टाइगर फाल को तो सब जानते हैं। लेकिन सैलानियों की नजर से इन्द्रौली फॉल दूर है। यह झरना काफी ऊंचाई से गिरता है और देखने में काफी खूबसूरत लगता है, जबकि इतनी खूबसूरत होने के बावजूद यह झरना गुमनामी में है। चकराता पहुंचने पर सैलानियों को केवल टाइगर फॉल की किसी तस्वीर नजर आती है, जबकि चकराता क्षेत्र में टाइगर फॉल के अलावा कीमोना फॉल भी बेहद खूबसूरत है, जो चकराता लाखामंडल राज्य मार्ग पर स्थित है।

    पर्यटन से जुड़े स्थानीय नवीन चकराता पुरोड़ी निवासी अमित जोशी, ओली निवासी अनिल सिंह, इन्द्रौली निवासी दिनेश चौहान, लोखंडी निवासी रोहन राणा, लोहारी निवासी दिनेश चौहान, छावनी बाजार निवासी दिनेश चांदना, चेरना निवासी विक्रम पंवार, कोरुवा निवासी राजेंद्र चौहान आदि बताते हैं कि चकराता शांत माहौल, शुद्ध वातावरण, प्रदूषण मुक्त पर्यावरण, पर्यटकों को खूब भाता है।

    बिना प्रकृति से छेड़छाड़ के यहां के पहाड़ शंकुधारी वन, झरने, बुग्याल सैलानियों को खूब पसंद आते हैं, जबकि यहां पर बहुत से पर्यटक स्थलों पर हर वर्ष हजारों की संख्या में सैलानी पहुंचते हैं, लेकिन इनमें से कुछ पर्यटक स्थल ऐसे भी हैं, जिनको स्थानीय लोग भी बहुत कम जानते हैं, जो पर्यटकों के नजरों से दूर है। जिनका अभी सही से पर्यटन विभाग ने प्रचार प्रसार नहीं किया।

    पर्यटन विभाग और लोकल लोगों को इन सभी पर्यटक स्थलों खूब प्रचार प्रसार करना चाहिए, ताकि यहां पर पर्यटकों की आमद हो सके। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके। लेकिन पर्यटन विभाग इस ओर गंभीर नहीं है। आलम यह है कि टाइगर फॉल छोड़ किसी भी पर्यटन स्थल पर सार्वजनिक शौचालय व पार्किंग की व्यवस्था तक नहीं है। न ही पूरे चकराता क्षेत्र में पर्यटन सूचना व पूछताछ केंद्र है।

    चकराता क्षेत्र में यह पर्यटन स्थल साहसी पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किए जा सकते हैं। इन पर्यटक स्थलों में पर्वतारोहण, रॉक क्लाइंबिंग और ट्रेकिंग जैसे साहसी पर्यटन गतिविधियां कराई जा सकती है। जिससे स्थानीय युवाओं को आय और रोजगार के अवसर मिलें।