उत्तराखंड में मौसम शुष्क होने के बाद पारा चढ़ा, सितंबर में बिजली की मांग ने तोड़ा रिकॉर्ड
उत्तराखंड में भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है । सितंबर में पहली बार दैनिक मांग 50 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है। जल विद्युत उत्पादन और केंद्र से अतिरिक्त बिजली मिलने से आपूर्ति सामान्य बनी हुई है लेकिन देहरादून में मरम्मत कार्य के चलते कुछ क्षेत्रों में बिजली कटौती हो सकती है।

जागरण संवाददाता, देहरादून । उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक चटख धूप के बीच पारा तेजी से चढ़ रहा है। जिससे अचानक भीषण गर्मी होने लगी है और बिजली की खपत भी खासी बढ़ गई है।
सितंबर में अब तक पहली बार प्रदेश में दैनिक विद्युत मांग 50 मिलियन यूनिट के पार पहुंच गई है। हालांकि, उपलब्धता भी मांग के आसपास ही बनी हुई है, लेकिन लोड बढ़ने से कहीं-कहीं फाल्ट के कारण आपूर्ति प्रभावित हो रही है तो कुछ बिजली घरों में मरम्मत कार्यों के लिए शटडाउन लिया जा रहा है।
उत्तराखंड में करीब एक सप्ताह से मौसम शुष्क बना हुआ है। ज्यादातर इलाकों में पारे में पांच डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है। उमस बढ़ने से एक सप्ताह के अंतराल में प्रदेश में विद्युत मांग में करीब सात से आठ मिलियन यूनिट (एमयू) की बढ़ोतरी हुई है।
इससे दैनिक मांग 50 एमयू के आंकड़े के पार पहुंच गई है। हालांकि, अभी विद्युत उपलब्धता और मांग में बेहद मामूली अंतर है, लेकिन फिर भी स्टील फर्नेस व कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित कटौती की जा रही है।
राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं के उत्पादन में वृद्धि होने और केंद्र से भी निर्धारित कोटे के साथ अतिरिक्त बिजली मिलने से फिलहाल राहत है। साथ ही एनर्जी एक्सचेंज में संकट नहीं होने के कारण बिजली खरीद भी आसानी से हो पा रही है।
इससे विद्युत उपलब्धता मांग के करीब बनी हुई है और मामूली कटौती ही की जा रही है। देहरादून में हाथीबड़कला उपसंस्थान से जुड़े सभी फीडरों में आज से 27 सिंतबर तक अलग-अलग क्षेत्रों में शटडाउन लेकर मरम्मत कार्य किए जाएंगे। ऐसे में करीब पांच से सात घंटे आपूर्ति बाधित रह सकती है।
विद्युत उपलब्धता व मांग की वर्तमान स्थिति
- कुल मांग, 48-50 एमयू
- कुल उपलब्धता, 47-49 एमयू
- हाइड्रो उत्पादन से, 23-24 एमयू
- गैस प्लांट से, 2-3 एमयू
- केंद्र से प्राप्त, 19-20 एमयू
- रियल मार्केट खरीद से, 7-8 एमयू

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