Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी कर्मियों के स्थायीकरण में देरी पर उत्‍तराखंड सरकार सख्त, कर्मचारियों के हक में लिया बड़ा फैसला

    Updated: Thu, 28 Aug 2025 01:39 PM (IST)

    प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के स्थायीकरण में देरी पर नाराजगी जताई है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने सभी विभागों को स्थायीकरण नियमावली का पालन करने के निर्देश दिए हैं क्योंकि देरी से कर्मचारियों को वेतन पेंशन और अन्य लाभों में दिक्कतें आती हैं। पदोन्नति के बाद परिवीक्षा अवधि पूरी होने पर स्थायीकरण अनिवार्य है। विस्‍तार से नीचे पढ़ें खबर।

    Hero Image
    सरकारी सेवाओं में तय समय में होंगे स्थायीकरण के आदेश. File

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश के सरकारी सेवकों के स्थायीकरण में विलंब में ढिलाई सहन नहीं की जाएगी। स्थायीकरण नहीं होने से कर्मचारियों को सेवा संयोजन, वेतन संरक्षण, पेंशन हितलाभ में कठिनाइयों से जूझना पड़ता है।

    साथ में न्यायालयों में वाद बढ़ने की नौबत आ रही है। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है। सचिव कार्मिक शैलेश बगौली ने सभी विभागों को पत्र लिखकर सरकारी सेवाओं के स्थायीकरण के मामलों में स्थायीकरण नियमावली का समुचित अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सरकारी विभागों में किसी भी कार्मिक को पदोन्नति के बाद एक या दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि में रखा जाता है। इस अवधि में पदोन्नत कार्मिक का कार्य, कुशलता, आचरण व व्यवहार का आकलन करने के बाद पद पर स्थायीकरण कर दिया जाता है। इसके बाद ही संबंधित कार्मिक उस पद के सापेक्ष सारे हित लाभ का पात्र हो जाता है।

    यह देखने में आया कि कई विभागों में कर्मचारियों की सेवाकाल की निर्धारित परिवीक्षा अवधि पूरी होने और विभाग में उच्च पदों पर पदोन्नति प्राप्त कर के बाद भी स्थायीकरण के संबंध में विधिवत आदेश जारी नहीं किए जाते। इससे कर्मचारियों को परेशानी होती है।

    इसे देखते हुए सचिव कार्मिक ने सभी विभागाध्यक्ष, कार्यालय प्रमुख, मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग अपने यहां परिवीक्षा अवधि पूरी करने वाले कार्मिकों के स्थायीकरण के आदेश जारी करें।