उत्तराखंड में मतांतरण को लेकर धामी सरकार सख्त, CM ने अधिकारियों को दिए कानून को और सख्त बनाने के निर्देश
उत्तराखंड सरकार मतांतरण कानून को और सख्त करने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सजा और जुर्माने की राशि बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मिशन कालनेमि पर निगरानी रखने के लिए एसआईटी का गठन किया जाएगा। पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और लोगों को सही मार्गदर्शन देने के लिए कहा गया है। गृह विभाग मौजूदा प्रविधानों का अध्ययन कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में मतांतरण संबंधी हालिया गतिविधियों को देखते हुए प्रदेश सरकार सख्त रुख अपनाने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मौजूदा मतांतरण कानून को और सख्त बनाने के निर्देश दिए हैं।
इसमें अब सजा की अवधि और जुर्माने की राशि को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मुख्यमंत्री ने मिशन कालनेमि पर लगातार नजर रखने के लिए मुख्यालय स्तर पर एक एसआइटी गठित करने के भी निर्देश दिए हैं।
सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सीमांत प्रदेश होने के साथ सनातन की पुण्य भूमि भी है। इसके लिए यहां जनसांख्यकीय बदलाव की किसी भी कोशिश को सख्ती से रोका जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस इस तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार नजर रखे।
मतांतरण कराने वाले तत्वों के जाल में फंस लोगों को उचित परामर्श और मार्गदर्शन दिया जाए। उन्होंने कहा कि मतांतरण कानून को और अधिक सख्त बनाया जाए।
प्रदेश में अभी मतांतरण कानून के अंतर्गत दोषी पाए जाने पर दस साल तक की सजा और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रविधान है। अब इसे और बढ़ाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भेष बदलकर आमजन को बरगलाने वालों पर मिशन कालनेमि लगाम कसने में सफल रहा है। इस मुहिम को आगे भी चलाने की आवश्यकता है। इसलिए पुलिस मुख्यालय के स्तर पर इसकी निगरानी के लिए एसआइटी का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में गृह विभाग इस कानून को सख्त बनाने की तैयारी में भी जुट गया है। इसके लिए मौजूदा प्रविधानों का अध्ययन किया जा रहा है, यह देखा जा रहा है कि इनमें से कौन से प्रविधान और अधिक सख्त बनाए जा सकते हैं।
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