नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का माध्यम है युवा महोत्सव: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह महोत्सव नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का एक माध्यम है। उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसरों पर भी बात की। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं।

देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित उत्तराखंड राज्य युवा महोत्सव 2025 का दीप जलाकर शुभारंभ करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। साथ में राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल व कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून: 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष शुक्रवार को पूर्ण होने जा रहे हैं और यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि हम सब एक स्वर में वंदे मातरम का उद्घोष कर रहे हैं। उत्तराखंड का युवा हमारी सबसे बड़ी ताकत है, जो भारत के अलावा विश्व स्तर पर राज्य का नाम रोशन करने की क्षमता रखता है।
यह युवा महोत्सव केवल खेल और संस्कृति का मंच नहीं, बल्कि हमारी नई पीढ़ी को अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ने का माध्यम भी है। यह बातें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवा महोत्सव के शुभारंभ पर कहीं।
राज्य स्थापना दिवस (रजत जयंती) के उपलक्ष्य पर युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग की ओर से गुरुवार को परेड ग्राउंड में आयोजित युवा महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल, खेल मंत्री रेखा आर्या, विधायक खजान दास और विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री के विकसित भारत-यंग लीडर्स विजन के अनुरूप है। स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, फिट इंडिया और नई शिक्षा नीति जैसी पहल युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता और रोजगार के नये अवसर खोल रही हैं।
उत्तराखंड आज युवाओं को रोजगार देने वाले अग्रणी राज्यों में है और नीति आयोग के इंडेक्स में प्रथम स्थान पर है। हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों ने देवभूमि को 'खेलभूमि' के रूप में स्थापित किया है।
हमारा लक्ष्य खेल, फिटनेस और पारंपरिक खेलों को अधिक सशक्त बनाना है, ताकि हमारे युवा अपनी पूर्ण क्षमता तक पहुंच सकें। खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखंड के 25 वर्ष पूरे होने पर पूरा राज्य गर्व और उत्साह से इस यात्रा का उत्सव मना रहा है।

सांसद नरेश बंसल ने कहा कि उत्तराखंड अपने रजत जयंती वर्ष में अनेक विकास सूचकों पर लगातार प्रगति कर रहा है। विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में राज्य के 13 जिलों से 600 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है।
महोत्सव के दौरान लोक गीत, नृत्य, भाषण, चित्रकला, रचनात्मक लेखन और खेल से जुड़ी अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं। समारोह में अतिरिक्त निदेशक आरसी डिमरी, वित्त नियंत्रक बीएन पांडे, संयुक्त निदेशक अजय अग्रवाल, उपनिदेशक शक्ति सिंह, सहायक निदेशक नीरज गुप्ता, एसके जैराज, दीप्ति जोशी, हिमानी भट्ट आदि उपस्थित रहे।
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मुख्यमंत्री ने मोबाइल एप से की फिट उत्तराखंड की शुरुआत
महोत्सव में मुख्यमंत्री ने फिट उत्तराखंड अभियान की शुरुआत 'फिट' उत्तराखंड मोबाइल एप के माध्यम से की। इस पहल से प्रतिदिन पुश-अप, स्क्वाट्स, क्रंचेस, बर्पीज, लंजेज आदि जैसे फिटनेस चैलेंज आयोजित किए जाएंगे।
साथ ही आइआइटी रुड़की के सहयोग से स्पोर्ट्स टेक हैकाथान भी शुरू किया गया, जिसमें खेल और तकनीक के क्षेत्र से जुड़े युवा प्रतिभागी वास्तविक खेल समस्याओं के समाधान प्रस्तुत करेंगे। इस दौरान ड्रोन कबड्डी का विशेष प्रदर्शन भी हुआ। हिमनाद बैंड ने अपनी फोक-फ्यूजन संगीत प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
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केदारपुरम जीआइसी की टीम रंगोली में प्रथम
महोत्सव के पहले दिन साहित्यिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं आयोजित हुईं। कहानी लेखन में उत्तरकाशी की मोनिका जोशी ने प्रथम, ऊधमसिंह नगर से संदीप कौर ने द्वितीय और चंपावत से मनीष गहतोड़ी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कविता लेखन प्रतियोगिता में अल्मोड़ा की वर्णिका डालकोटी प्रथम, हरिद्वार के प्रवीण कुमार द्वितीय और उत्तरकाशी की आरती तृतीय स्थान पर रहीं। रंगोली प्रतियोगिता में राजकीय बालिका निकेतन केदारपुरम की टीम (मेघा, रूबी और मीना) ने प्रथम, मातृ आंचल कन्या विद्यापीठ हरिद्वार की टीम (चंदनी, अंकिता, मोनिका, नीलम, अनीता और श्यामा) ने द्वितीय और श्रद्धानंद बाल वनीता आश्रम देहरादून की टीम (निहारिका और राखी) व वात्सल्या वाटिका भद्राबाद की टीम (रश्मि और जिलसन) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
महोत्सव में लगे 200 से अधिक स्टाल
महोत्सव में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक शिल्पकला, युवा उद्यमिता और पहाड़ी व्यंजनों का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है।
आयोजन स्थल पर 200 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं, जिनमें आर्गेनिक उत्पाद, मिलेट्स, फल, सब्जियां, हस्तशिल्प, हथकरघा, वस्त्र, पारंपरिक आभूषण, फुटवियर, पुस्तकें, गृह सज्जा उत्पाद और महिला परिधान उपलब्ध हैं। साथ ही विशेष फूड स्टाल में पारंपरिक पहाड़ी स्वाद, मिलेट-आधारित व्यंजन और फ्यूजन डिशेज भी प्रस्तुत की जा रही हैं।

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