हरिद्वार में आश्रम का कोठारी महंत 28 लाख की नकदी व सोना लेकर फरार, तलाश में जुटी पुलिस
हरिद्वार के एक आश्रम से कोठारी महंत 28 लाख की नकदी और सोना लेकर फरार हो गया। महामंडलेश्वर यमुना पुरी महाराज ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2009 में विकास सिंघल को दीक्षा दी थी और उसे वैराग्य पुरी नाम दिया था। वैराग्य पुरी को आश्रम का उत्तराधिकारी भी घोषित किया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

मुकदमा दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू। प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। आश्रम का कोठारी महंत 28 लाख की नकदी व सोना लेकर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है। कनखल के महामृत्युंजय मठ आश्रम के महामंडलेश्वर यमुना पुरी महाराज ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि साल 2009 में उन्होंने हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के कस्बा बैसूम निवासी विकास सिंघल को सन्यास दीक्षा दी थी।
इसके बाद उन्हें वैराग्य पुरी नाम दिया गया था और अपना उत्तराधिकारी भी घोषित किया था। आश्रम के लेनदेन समेत सभी प्रमुख जिम्मेदारी वैराग्य पुरी संभालता था। बताया कि 10 अक्टूबर की रात वे पंजाब से आश्रम लौटे तो वैराग्य पुरी गायब मिला।
आश्रम में चल रहे निर्माण कार्य के खर्च के लिए अलमारी में रखी गई करीब 28 लाख रुपए की नकदी और सोना चांदी के जेवरात गायब मिले। अगली सुबह वैराग्य पुरी का मैसेज मिला कि वह जा रहा है। अपने स्तर से खोजबीन के बाद महामंडलेश्वर यमुना पुरी ने पुलिस को सूचना दी।
सीओ सिटी शिशुपाल सिंह नेगी ने बताया कि आरोपित कोठारी महंत बैरागी पुरी उर्फ विकास सिंघल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी गई है।
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