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    Haridwar News: चंडी मंदिर में पुजारियों और कर्मचारियों के लिए लागू हुआ नया ड्रेस कोड, पहनने होंगे ये पोशाक

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:19 AM (IST)

    चंडी मंदिर श्यामपुर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पुजारियों कर्मचारियों और प्रबंधन कर्मियों हेतु ड्रेस कोड लागू किया गया है। दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए पहचान पत्र भी जारी किए जाएंगे। पुजारियों के लिए लाल धोती-कुर्ता सेवादारों के लिए पीला कुर्ता-पायजामा और अन्य कर्मियों के लिए भूरे रंग का कुर्ता-पायजामा निर्धारित किया गया है।

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    चंडी मंदिर में पुजारियों और कर्मचारियों के लिए नया ड्रेस कोड हुआ लागू। जागरण फोटो

    राहुल शर्मा, श्यामपुर। चंडी मंदिर में अब श्रद्धालुओं की पूजा-पाठ कराने वाले पुजारियों, मंदिर में सेवारत कर्मचारियों और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों के लिए अलग-अलग ड्रेस कोड लागू किया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने यह फैसला लिया है, ताकि किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार करने वाले कर्मचारी की आसानी से पहचान की जा सके।

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    सभी कर्मियों को बाकायदा पहचान पत्र भी जारी किया जाएगा।  चंडी मंदिर में वर्ष भर लाखों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ श्रद्धालु उड़नखटोला का उपयोग करते हैं तो कुछ पैदल मार्ग से दर्शन करने पहुंचते हैं।

    महंत रोहित गिरी के जेल जाने के बाद भवानी नंदन गिरी को महंत नियुक्त किया गया था। कुछ ही दिन बाद उच्च न्यायालय के आदेश पर फिलहाल मंदिर की देखरेख का जिम्मा बदरी-केदार मंदिर समिति को सौंपा गया। मंदिर ट्रस्ट और बीकेटीसी आपसी सामंजस्य से मंदिर का संचालन कर रहे हैं, जिसकी निगरानी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित कर रहे हैं।

    स बीच मंदिर की व्यवस्थाओं में कई परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसी क्रम में मंदिर प्रबंधन ने पुजारियों, सेवादारों और अन्य कर्मचारियों के लिए नया ड्रेस कोड जारी किया है।

    इसके अंतर्गत पुजारियों के लिए लाल धोती-कुर्ता, सेवादारों के लिए पीला कुर्ता और सफेद पायजामा, जबकि अन्य कर्मियों के लिए भूरे रंग का कुर्ता-पायजामा निर्धारित किया गया है। पहले पुजारियों के लिए पीली धोती-कुर्ता थी, लेकिन जल्दी गंदा होने के कारण अब उसे बदल दिया गया है। 

    मंदिर के महंत भवानी नंदन गिरी ने बताया कि ड्रेस कोड के अभाव में कई दिक्कतें सामने आती थीं। अब जिसका जो कार्य है, वह उसी पर केंद्रित रह सकेगा। सभी पुजारियों और कर्मचारियों को रोजाना निर्धारित ड्रेस के साथ ही दाढ़ी बनाकर आना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही 10 अगस्त को जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि मंदिर परिसर में बीड़ी, गुटखा सहित किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं किया जाएगा।

    सभी कर्मचारियों, सेवादारों और पुजारियों को चेतावनी दी गई है कि यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसका एक दिन का वेतन काटा जाएगा और उसे उस दिन मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।