हरिद्वार में नकली शैंपू की फैक्ट्री का भंडाफोड़, 15 लाख रुपये की खेप के साथ तीन गिरफ्तार
हरिद्वार पुलिस ने सिडकुल क्षेत्र में एक नकली शैम्पू फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। क्लीनिक प्लस और सनसिल्क ब्रांड के नाम पर नकली शैम्पू बेचने के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं जबकि एक फरार है। मौके से लगभग 15 लाख रुपये के शैम्पू और कच्चा माल बरामद हुआ है। पुलिस वितरकों की भी जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। पुलिस ने हरिद्वार के सिडकुल क्षेत्र में नकली शैंपू की फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। नकली शैंपू को बेचने के लिए क्लीनिक प्लस और सनसिल्क ब्रांड के नाम का इस्तेमाल किया जा रहा था।
मौके से लगभग 15 लाख रुपये के शैंपू की खेप बरामद की गई है। पकड़े गए आरोपित लंढौरा (मंगलौर) के रहने वाले हैं। एक आरोपित मौके से भाग निकला, पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने बताया कि रविवार को हिंदुस्तान यूनिलीवर के आथराइज्ड लीगल मैनेजर आलोक तिवारी ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें बताया कि सिडकुल में डैंसो चौक के पास गंगोत्री एनक्लेव फेस-3 स्थित एक मकान में कंपनी के उत्पादों की नकली खेप तैयार कर बाजार में बेची जा रही है।
इस पर सिडकुल थानाध्यक्ष नितेश शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उक्त मकान में छापा मारा। मकान के अंदर तीन लोग मौजूद थे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया, जबकि एक व्यक्ति पुलिस को देखकर छत से कूदकर भाग निकला।
तलाशी लेने पर मकान में हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी के उत्पाद क्लीनिक प्लस और सनसिल्क ब्रांड के शैंपू की खेप मिली। ड्रग इंस्पेक्टर हरीश सिंह को बुलाकर जांच कराई गई तो शैंपू के नकली होने की पुष्टि हुई।
पकड़े गए आरोपितों ने अपने नाम हसीन अहमद, शहबान व मोहसिन निवासी लंढौरा (मंगलौर) बताए। आरोपित फैक्ट्री का लाइसेंस और कच्चे माल का कोई रिकार्ड नहीं दिखा पाए।
थानाध्यक्ष ने बताया कि घटनास्थल से 32 पेटी नकली शैंपू, करीब एक किलो नकली लेबल, शैंपू फिलिंग मशीन, 1350 लीटर कच्चा माल, 800 खाली बोतल बरामद हुई हैं।
आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सोमवार सुबह उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। फरार आरोपित सहित कुछ और संदिग्धों की तलाश की जा रही है।
वितरक-दुकानदारों की भी खंगाली जा रही कुंडली
पुलिस को यह भी पता चला है कि कई वितरक और दुकानदार ज्यादा मुनाफे के लिए इस धंधे में शामिल थे। पुलिस उनकी कुंडली भी खंगाल रही है।
गौरतलब है कि शैंपू बनाने के लिए निश्चित मात्रा में रासायनिक पदार्थ मिलाए जाते हैं। यह मिश्रण विशेषज्ञों की निगरानी में तैयार किया जाता है। नकली शैंपू त्वचा के लिए खतरनाक होता है।
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