हरिद्वार में बारिश ने तोड़ा 74 साल का रिकार्ड, गंगा भी चेतावनी रेखा के करीब; स्कूलों में की गई छुट्टी
हरिद्वार में 74 साल बाद सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई जिससे गंगा नदी चेतावनी स्तर के करीब पहुँच गई है। भारी बारिश के कारण शहर में कई स्थानों पर जलभराव हो गया जिससे लोगों को परेशानी हुई। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को मुस्तैद रहने और जल निकासी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वर्षा के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए हैं।

जागरण संवाददाता,हरिद्वार: धर्मनगरी और आसपास क्षेत्रों में बीते 24 घंटे में 1951 के बाद सर्वाधिक वर्षा का रेकार्ड दर्ज किया गया है। हरिद्वार जिले में 242 एमएम वर्षा रेकार्ड की गई। भारी वर्षा के चलते गंगा भी चेतावनी स्तर 293 मीटर के करीब पहुंच गयी। जगह-जगह जलभराव और मलबे से आवागमन बाधित रहा।
भगत सिंह चौक रेलवे पुलिया के नीचे जलभराव से ज्यादा दिक्कतें हुयी। विद्यालयों में भी जल्दी छुट्टी कर दी गयी। इधर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में मुस्तैद रहने को कहा है। साथ ही जलभराव वाले क्षेत्रों में तत्परता से जलनिकासी सुनिश्चित कराने को कहा है।
भारी वर्षा के चलते यदि कोई सरकारी संपत्ति और परियोजनाएं क्षतिग्रस्त होती है तो उनका ब्योरा तत्काल जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को उपलब्ध कराने को निर्देशित किया है।
धर्मनगरी और आसपास क्षेत्रों में रविवार देर रात शुरू हुयी वर्षा सोमवार को भी पूरे दिन जारी रही। बीते 24 घंटे में 242 एमएम वर्षा रेकार्ड किया गया। जो 1951 के बाद यानि 74 साल के बाद सर्वाधिक वर्षा का रेकार्ड है। वर्षा से शहर के निचले इलाकों में पानी भर गया।
श्री चंद्राचार्य चौक, भगत सिंह चौक रेलवे पुलिया, ज्वालापुर अंडर पास आदि में जलभराव से ज्यादा दिक्कतें रहीं। भगत सिंह चौक रेलवे पुलिया के नीचे पानी भरने से लोगों को पुराना रानीपुर मोड़ से होकर गुजरने को विवश होना पड़ा। इससे जाम की स्थिति भी बनती रही।
भारी वर्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। तहसील और ब्लाक मुख्यालय के अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े।
जिलाधिकारी ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों, तहसील एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी अधिकारी अपने- अपने क्षेत्रों में अलर्ट रहें। किसी भी क्षेत्र में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है तो ऐसे क्षेत्रों में जल निकासी के लिए तत्परता से आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए है कि भारी वर्षा के कारण कोई सड़क मार्ग यदि अवरुद्ध एवं क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उसको आवाजाही के लिए तत्काल सुचारू किया जाए। जिलाधिकारी ने पतंजलि फेस एक के समीप हो रहे जलभराव की निकासी के लिए संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
शिक्षा विभाग,पंचायती राज एवं बाल विकास सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारी वर्षा के कारण यदि कोई स्कूल भवन, आंगनबाड़ी केंद्र,पंचायत घर एवं उनके अधीन संचालित कोई परियोजना क्षतिग्रस्त हो जाती है तो उसपर व्यय होने वाली धनराशि का आंकलन प्रस्ताव तत्परता से जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
वर्चुअल माध्यम से जुड़े खंड विकास अधिकारियों को भी अपने क्षेत्रों में सतर्क रहने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों से ग्राम पंचायतों में भी निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी खंड अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि सभी खंड विकास अधिकारी अपने -अपने क्षेत्रों में फागिंग कराना सुनिश्चित करें। जल संस्थान एवं जल निगम को भी निर्देश दिए है कि यदि कोई पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है तो उसका तत्परता से मरम्मत करायी जाए।
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