रकम ऐंठने के लिए अब लोन का गारंटर बताकर फेंका जा रहा ठगी का जाल, ऋणधारकों के परिचित निशाने पर
साइबर ठग अब लोन के गारंटर के नाम पर ठगी कर रहे हैं। वे लोन लेने वालों के परिचितों को फोन करके कहते हैं कि किस्त जमा नहीं हुई है और गारंटर होने के नाते उन्हें पैसे देने होंगे। गारंटर का नाम हटाने के लिए भी पैसे मांगे जा रहे हैं। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और अनजान नंबरों से आने वाली कॉल पर कोई भी जानकारी साझा न करने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। आमजन की मेहनत की गाढ़ी कमाई हड़पने के लिए साइबर ठग नए-नए पैंतरे आजमा रहे हैं। अब रकम ऐंठने के लिए गारंटर बताकर ठगी का जाल फेंका जा रहा है।
अलग-अलग कंपनियों से लोन लेने वाले ऋणधारकों के परिचित ठगों के निशाने पर हैं। उन्हें फोन पर कहा जा रहा है कि लोन की किश्त जमा नहीं हुई है और आपका नाम गारंटर के तौर पर दर्ज कराया गया है, इसलिए आपको रकम देनी होगी।
दस्तावेजों में गारंटर के तौर पर नाम हटवाने की एवज में भी रकम की डिमांड की जा रही है। हाल के दिनों में हरिद्वार में कई व्यक्तियों को ऐसी काल आ चुकी हैं।
अभी तक लकी ड्रा, एटीएम सत्यापन व अन्य तरीकों से साइबर ठगी की घटनाएं सामने आती रही हैं। मगर जैसे-जैसे लोग जागरूक होने लगते हैं, वैसे-वैसे ठग अपने पैंतरे बदलने लगते हैं। हाल के दिनों में साइबर ठगों ने धोखाधड़ी के लिए नई तरकीब निकाली है, जिसके तहत ऐसे व्यक्तियों के मोबाइल पर काल की जा रही है, जिनके परिचितों ने किसी न किसी कंपनी से लोन लिया हुआ है।
उन्हें बताया जाता है कि आपका नाम गारंटर के तौर लिखाया गया है और कई महीनों से किश्त जमा नहीं हुई। इसलिए गारंटर होने के नाते आपको पूरी रकम अदा करनी होगी। इस पर लोग हैरत में पड़ जाते हैं। अधिकांश का जवाब होता है कि उन्हें लोन के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
इस पर साइबर ठग अगली चाल चलते हैं और कहते हैं कि गारंट के तौर पर नाम हटवाने के लिए रकम जमा करनी होगी। कानूनी पेचीदगी का डर दिखाते हुए यह भी कहा जाता है कि रकम अभी के अभी खाते से कटवानी होगी। कई लोग इस बारे में लोन लेने वाले परिचित से बात करने के बाद ही कोई फैसला लेने के लिए कहते हैं, जबकि कुछ लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर रकम गंवा देते हैं। हाल के दिनों में ऐसे पांच-छह मामले हरिद्वार में सामने आ चुके हैं। कई पीड़ितों ने आनलाइन शिकायत भी दर्ज कराई है।
लोन कंपनियों से उठा रहे डाटा
साइबर ठग अपने काम में इतने माहिर हैं कि जिस तरह मोबाइल नंबर जुटाते हैं, ठीक उसी तरह लोन लेने वालों की जानकारी भी हासिल कर लेते हैं। फिर फेसबुक आदि इंटरनेट मीडिया या अन्य माध्यमों से परिचितों का पता लगाते हुए ठगी के लिए काल करते हैं।
इसमें लोन कंपनियों के कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। कुल मिलाकर लोन ले चुके व्यक्तियों के करीबी अब साइबर ठगों के निशाने पर हैं। जागरूकता और सतर्कता ही इसका एकमात्र बचाव है।
साइबर ठगी से आमजन को जागरूक करने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूल-कालेज में जाकर भी पुलिस टीमें लगातार जागरूक कर रही हैं। यह बात सही है कि ठगी के एक तरीके से लोग जब जागरूक हो जाते हैं तो ठग दूसरा तरीका निकाल लेते हैं। ऐसे में आमजन को सूझबूझ और समझदारी से काम लेना चाहिए। अनजाने नंबर से कोई भी काल करे, अपने बैंक खाते व लेनदेन से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा न करें।
-प्रमेंद्र डोबाल, एसएसपी हरिद्वार

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