जंगलों में मौजूद हैं कितने बाघ? अखिल भारतीय बाघ गणना में चलेगा पता
देश के टाइगर रिजर्व और वन प्रभागों में अखिल भारतीय बाघ गणना की जाएगी। इससे पहले, अधिकारियों और विशेषज्ञों को देहरादून में प्रशिक्षण मिलेगा। एनटीसीए हर चार साल में यह गणना कराता है। पिछली गणना में कॉर्बेट में 260 बाघ पाए गए थे। प्रशिक्षण के बाद, अधिकारी विभाग में बाघ गणना का प्रशिक्षण देंगे। यह गणना दिसंबर से फरवरी तक चलेगी।

एनटीसीए हर चार साल में कराता है बाघ गणना का कार्य। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, रामनगर। देश के टाइगर रिजर्व समेत वन प्रभागों में अखिल भारतीय बाघ गणना होने जा रही है। बाघ गणना शुरू करने से पहले वनाधिकारी, विशेषज्ञ व स्टाफ देहरादून में प्रशिक्षण लेगा। कार्बेट से चार वनाधिकारी व शोधार्थी प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। इसके अलावा रामनगर व तराई से भी प्रशिक्षण के लिए जाएंगे।
देश के 58 टाइगर रिजर्व व उससे लगे वन प्रभागों में बाघों की गणना हर चार साल में एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) कराता है। इससे पूर्व 2022 में अखिल भारतीय बाघ गणना हुई थी। ऐसे में कार्बेट टाइगर रिजर्व व उससे लगे प्रभागों में भी बाघ गणना कराई जानी है। गणना के लिए 18 से 20 नवंबर तक देहरादून में प्रशिक्षण दिया जाना है। जिसमें कार्बेट के उपनिदेशक, कालागढ़ के डीएफओ, एसडीओ, टाइगर सेल प्रभारी प्रशिक्षण लेंगे।
दिसंबर से फरवरी तक होनी है बाघ गणना
राजाजी टाइगर रिजर्व बाघ गणना के प्रशिक्षण का आयोजन करा रहा है। नोर्थ जोन के अंतर्गत उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमांचल,मध्यप्रदेश के वनाधिकारी शामिल होंगे। तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान दिसंबर से फरवरी तक होने वाली बाघ गणना की जानकारी दी जाएगी। पूर्व में हुई अखिल भारतीय बाघ गणना के दौरान कार्बेट में 260 बाघों की मौजूदगी मिली थी।
कार्बेट पार्क के एसडीओ बिजरानी अमित ग्वासाकोटी ने बताया कि बाघ गणना के लिए विभागीय अधिकारी देहरादून में प्रशिक्षण लेने जाएंगे। इसके बाद देहरादून से आकर विभाग में ट्रेनर्स के रूप में बाघ गणना का प्रशिक्षण देंगे।

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