हल्द्वानी: रेलवे अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले बनभूलपुरा में सन्नाटा
हल्द्वानी में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तिथि नजदीक आने से बनभूलपुरा के लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं। इलाके में ...और पढ़ें

रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । बुधवार को रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है। इस दायरे में आ रहे लोगों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं और निगाहें न्यायालय पर टिकी हुई हैं। चिंता का माहौल भी है। दैनिक जागरण की टीम सोमवार रात करीब 10 बजे इस इलाके में पहुंची तो सामान्य दिनों में देर रात तक गुलजार रहने वाली यहां सड़कों पर सन्नाटा था।
चोरगलिया रोड पर ताज चौराहे से रेलवे फाटक के बीच कुछ दुकानें खुली थीं। जिनमें एक-दो लोग ही खड़े थे। हालांकि, एक चाय की दुकान पर कुछ बुजुर्ग जरूर खड़े थे और उनकी बातें इस ओर इशारा कर रही थीं कि मानों उनके बचपन से लेकर बुढ़ापा इन्हीं गलियों में गुजरा होगा। खुशी और दुख से जुड़ी यादें भी यहीं से जुड़ी रही होंगी, लेकिन घर अतिक्रमण के दायरे में आने से परेशान थे। उनकी बातों का अंत किस्मत के लिखे पर आ कर हो गया।
लाइन नंबर-17 के प्रारंभ में लगे ट्रांसफार्मर के पास चार युवा खड़े होकर प्रभावित लाइन की ओर देखते हुए चर्चा कर रहे थे कि अगर निर्णय उनके पक्ष में नहीं आया तो कहां जाएंगे। एक यह भी कह रहा था कि पिता ने बैंक से लोन लेकर घर बनाया और मजदूरी करके रकम भर रहे हैं। यहां बातें सुनते हुए समय लगभग 10:27 हो गया था। आगे बढ़े और एक ठेले के पास दो लोगों की बातें करते सुना वे भविष्य को लेकर चिंतित थे और चुनावों के आसपास यह मुद्दा उठने की बात भी कह रहे थे। रविवार को रामनगर के पुछड़ी में अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई को लेकर भी चर्चा करते दिखे।
इस लाइन की दुकानें तो खुली थीं लेकिन ग्राहक नहीं थे। यहां से हल्द्वानी रेलवे की ओर जाने पर परिसर के मुख्य गेट का नजारा देखा जो चौंकाने वाला था। 11 बजने में 10 मिनट ही शेष थे, इस समय अमूमन ढोलक बस्ती के लोग सड़क के पास नजर आते हैं। लेकिन आग सेकते चार लोगों को छोड़ कोई भी घरों के बाहर नहीं था। स्टेशन के अंदर भी सबकुछ सामान्य दिनों जैसा था।

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