Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साल 2022 में जिस हत्‍या से दहल गया था हल्‍द्वानी, उसके चारों आरोपित दोषमुक्त; साबित नहीं हुआ अपराध

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 04:55 PM (IST)

    हल्द्वानी में 2022 में हुई हत्या के मामले में अदालत ने चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। मृतक के भाई ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें हरीश बृजवासी और अन्य पर नीरज की हत्या का आरोप लगाया गया था। अदालत में गवाहों के विरोधाभासी बयानों और सबूतों की कमी के कारण आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया। पुरानी रंजिश साबित न होने और जांच में लापरवाही के चलते यह फैसला लिया गया।

    Hero Image

    जुलाई 2022 में मंडी चौकी क्षेत्र में हुई थी घटना। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। तीन साल पहले मंडी चौकी क्षेत्र में हुई युवक की हत्या के मामले में पकड़े गए चार आरोपित न्यायालय द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत से दोषमुक्त हो गए हैं। मारपीट में गंभीर घायल हुए युवक ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया था। लेकिन न्यायालय में ट्रायल के दौरान मृतक व उसके स्वजन का आरोपितों से पुरानी रंजिश का साबित न होना, गवाहों के बयानों में विरोधाभास और जांच से जुड़ी लापरवाही के चलते आरोपित बरी हो गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रामपुर रोड स्थित डहरिया निवासी गोविंद गैड़ा ने कोतवाली में दर्ज प्राथमिकी में बताया था कि छह जुलाई 2022 को हरीश बृजवासी नाम का व्यक्ति उसे, उसके छोटे भाई नीरज व अन्य लोगों को काठगोदाम की तरफ घूमने के बहाने कार में बैठाकर ले गया था। इसके बाद सभी मंडी बाइपास पर स्थित वाइन शाप के बगल में खाली प्लाट में पहुंच गए। यहां हरीश पास में बैठे युवकों से बात करने लगा। कुछ देर में इन युवकों ने उसके भाई नीरज को पकड़ लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया।

    भाई के बेसुध होता देख आरोपित मौके से फरार हो गए। बाद में उपचार के दौरान नीरज ने दम तोड़ दिया। इसके बाद गोविंद की तहरीर पर पुलिस ने हरीश बृजवासी, मनीष सैनी, ललित मोहन नेगी और नीरज संभल के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तार भी कर लिया। आरोप था कि बृजवासी ने ही युवकों को नीरज गैड़ा पर हमला करने के लिए उकसाया था। कोर्ट में आरोपितों की तरफ से अलग-अलग अधिवक्ताओं ने पैरवी की थी।

    नीरज संभल की तरफ से पैरवी करने वाले बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन मेहरा पुलिस ने डंडों की बरामदगी तो दिखाई, लेकिन मेमो तैयार नहीं किया। सीसीटीवी में भी संभल के घटनास्थल पर होने का प्रमाण नहीं मिला। इसके अलावा गवाह ने भी उसे पहचानने से इंकार कर दिया था। अहम बात यह है कि पुलिस रिपोर्ट में नीरज संभल का पता और पिता का नाम तक गलत दर्ज था।