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    देहरादून में वन तस्करों की खैर नहीं! बैरियरों पर लगे कैमरे और माइक्रोफोन से होगी 24x7 निगरानी

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 08:05 PM (IST)

    Haldwani News | हल्द्वानी वन प्रभाग अब अपने बैरियरों की लाइव निगरानी करेगा। तिकोनिया में मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। बैरियरों पर कैमरे और माइक्रोफोन लगे हैं। संदिग्ध वाहन दिखने पर तुरंत चेकिंग के निर्देश दिए जाएंगे। वायरलेस से सूचना मिलेगी। गश्त का विश्लेषण होगा और मानव-वन्यजीव संघर्ष की निगरानी भी की जाएगी। यह वन प्रबंधन में महत्वपूर्ण कदम है।

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    ड्यूटी पर लापरवाही पड़ेगी भारी, कंट्रोल रूम से नजर रखेगा वन विभाग।

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। कुमाऊं की सबसे पुरानी फारेस्ट डिवीजन कहे जाने वाले हल्द्वानी वन प्रभाग से जुड़े बैरियरों की अब लाइव निगरानी की जाएगी। कैमरों में माइक्रो फोन भी लगाए गए हैं। कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी को अगर किसी संदिग्ध वाहन की जानकारी मिली तो तुरंत सभी बैरियर को चेकिंग के निर्देश भी जारी हो जाएंगे।

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    इसके अलावा वायरलैस की मदद से रेंज कार्यालय से लेकर दुर्गम क्रू स्टेशनों तक भी हर जानकारी पहुंचाई जाएगी। इसके अलावा सूचना तंत्र को मजबूत करने में भी आसानी होगी। बैरियर पर तैनात कर्मचारी के ड्यूटी के दौरान लापरवाही बरतने पर कार्रवाई होने में भी देर नहीं लगेगी।

    हल्द्वानी डिवीजन ने तिकोनिया स्थित कार्यालय में मास्टर कंट्रोल रूम का संचालन शुरू कर दिया है। यहां मौजूद बड़ी स्क्रीन से हर समय फारेस्ट बैरियरों पर नजर रखी जाएगी। बैरियरों पर लगे कैमरे सीधे कंट्रोल रूम से जोड़े गए हैं। सभी कैमरों में माइक्रोफोन भी लगाया गया है।

    चेकिंग से लेकर अन्य अलर्ट से जुड़ा संदेश भी तुरंत पहुंचेगा। इसके अलावा रेंज कार्यालय से लेकर क्रू स्टेशन को भी इस नेटवर्क में शामिल किया गया। जिससे तस्करों के मूवमेंट से लेकर फायर सीजन के दौरान आग की घटनाओं को लेकर भी बेहतर संवाद स्थापित होगा।

    वहीं, मानव--वन्यजीव संघर्ष के मामले सामने आने पर महकमा कैमरा ट्रैप के माध्यम से संवेदनशील क्षेत्र की निगरानी करता है। पूरी डिवीजन के कैमरा ट्रैक का रिकार्ड कंट्रोल रूम में होने पर भविष्य में डेटा विश्लेषण के साथ ही प्रभावी योजनाओं का खाका खींचने में भी आसानी होगी।

    कहां गश्त और कौन सा हिस्सा छूटा, सब पता चलेगा

    वन विभाग गश्त के दौरान एप के इस्तेमाल करता है। जिसमें वनकर्मियों के मूवमेंट की जानकारी फीड होती है। अब कंट्रोल रूम में गश्ती दल का पूरा ब्यौरा पहुंचेगा। बीच-बीच में समीक्षा करने से पता चल जाएगा कि किस क्षेत्र में गश्त हुई और कौन सा क्षेत्र लगातार छूट रहा है। आंकड़ों के आधार पर पेट्रोलिंग की नई रणनीति भी बन सकेगी।

    कंट्रोल रूम में आधुनिक वर्कस्टेशन कंप्यूटर, बड़े एलसीडी डिस्पले और डेटा विश्लेषण की सुविधा है। ताकि आंकड़ों का परीक्षण भी हो सके। हल्द्वानी डिवीजन का यह प्रयास फारेस्ट मैनेजमेंट की दिशा में अहम कदम साबित होगा। अन्य डिवीजनों के लिए भी यह माडल कारगर साबित होगा।

    कुंदन कुमार, डीएफओ