Kainchi Dham Mela: कैंची धाम में स्थापना दिवस पर देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालु, कर रहे हनुमान चालिसा का पाठ
कैंची धाम में स्थापना दिवस के अवसर पर देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दिल्ली मुंबई अहमदाबाद और लखनऊ जैसे शहरों से आए भक्त खुद को भाग्यशाली मान रहे हैं। कुछ हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं तो कुछ आश्रम में सेवा कर रहे हैं। भक्तों का कहना है कि बाबा के आदेश पर वे यहां पहुंचे हैं। स्थापना दिवस पर बाबा के दर्शन करना सौभाग्य की बात है।

संवाद सूत्र, जागरण गरमपानी । देश विदेश के लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र सुप्रसिद्ध कैंची धाम में स्थापना दिवस पर लगने वाले ऐतिहासिक मेले में भागीदारी को विभिन्न राज्यों से बाबा भक्त कैंची धाम पहुंचने लगे हैं। स्थापना दिवस पर बाबा के दर पर मत्था टेकने को पहुंच रहे श्रद्धालु खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, गुजरात, लखनऊ, प्रयागराज जैसे शहरों से पहुंचे श्रद्धालु आश्रम परिसर में सेवा भी करेंगे। कई बाबा भक्त हनुमान चालीसा के पाठ में भी जुटे गए हैं। बाबा के प्रति आस्था व श्रद्धा का ऐसा समावेश है की बाबा भक्तों के कई परिवार मंदिर परिसर के ठिक सामने बन रहे पाथवे किनारे ही हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं से जागरण टीम ने बातचीत की तो बाबा ने कुछ इस प्रकार विचार व्यक्त किए।
पिछले डेढ़ वर्ष से बाबा के धाम पहुंचने की कोशिश कर रही थी पर अब बाबा का आदेश मिला। कैंची धाम पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है। स्थापना दिवस पर कैंची धाम में रहना बहुत बड़ा सौभाग्य है। ऐसा लगता है जैसे बाबा ने मनोकामना पूरी कर दी। - नंदनी खांडल, मालवीय नगर, जयपुर
पहली बार परिवार के साथ बाबा नीम करौरी के धाम पहुंची हूं। यहां पहुंचकर स्थापना दिवस की जानकारी मिली। लौटना था पर अब स्थापना दिवस पर प्रसाद पाकर ही वापसी करेंगे। बाबा के अन्य धामों की भी यहां पहुंचकर जानकारी मिली है। - सोनम यादव, बाराबंकी
जिस नौकरी से जुड़ा था वह छोड़ दी है मन अशांत था। बाबा के धाम के बारे में जानकारी मिली और दौड़ा चला आया। यहां आकर मन को शांति मिली है। बाबा नीम करौरी के आर्शीवाद से जल्द ही अब खुद का काम शुरु करुंगा। स्थापना दिवस तक यहीं रहने का मन बनाया है। - नितेश मेहता, अहमदाबाद
स्थापना दिवस पर लाखों श्रद्धालुओं के कैंची धाम पहुंचने की जानकारी मिली। मन में विचार आया की बाबा के धाम पहुंच जाऊं। एकाएक प्रोगाम बना और कैंची धाम पहुंच गया। सब कुछ बाबा के आदेश पर निर्भर है। शायद मुझे बाबा ने बुला लिया। - भरत उपाध्याय, बिहार

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