नैनीताल का ये गांव पांच साल से झेल रहा आपदा का दंश, घरों तक समा रहे मलबे से दहशत में ग्रामीण
नैनीताल के बजून ग्राम सभा में सड़क कटान से पांच परिवार दहशत में हैं। पिछले पांच साल से भूस्खलन के कारण मलबा घरों में घुस रहा है जिससे ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। शिकायत के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई है। प्रशासन ने कुछ परिवारों को विस्थापित किया है और जल्द ही रोकथाम कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। गांव तक सड़क पहुंचना हर ग्रामीण का सपना होता है, मगर बजून ग्राम सभा के दूधिला तोक निवासी पांच परिवारों के लिए गांव के पास से गुजर रही सड़क मुसीबत बन गई है। पहले ग्रामीणों को सड़क कटान के दौरान मलबा आवासों तक आने की शिकायत थी, मगर अब सड़क कटान के बाद पहाड़ी में हो रहे भूस्खलन ने ग्रामीणों की नींद हराम कर दी है। पांच साल से भारी वर्षा के दौरान यह ग्रामीण दहशत में रातों को सो नहीं पाते।
हल्की वर्षा हुई नहीं कि पहाड़ी से बोल्डर व मलबा आवासों तक आ जाता है। ऐसा नहीं कि समस्या जिम्मेदारों तक नहीं पहुंचाई हो। कई बार विधायक, सांसद समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों तक शिकायत लेकर गए ग्रामीण मलबे की रोकथाम को लेकर कार्य कराने की मांग कर चुके है। मगर न तो सिस्टम को ग्रामीणों की सुध है और न ही जिम्मेदारों ने इनकी ओर मुड़कर देखा। जिससे डर व दहशत में जीना जैसे यहां के लोगों के लिए नियती बन गई है।
बता दे कि शहर के समीपवर्ती बजून ग्राम सभा के दूधिला तोक में क्षेत्रवासी पूरन सिंह ढैला, भुपाल ढैला, हरेंद्र ढैला, तारा ढैला, रमेश सिंह के पांच परिवार निवास करते है। करीब पांच साल पूर्व बजून अधौड़ा मोटरमार्ग के कटान के दौरान मलबा नीचे पहाड़ी की ओर फेंका जा रहा था। भवनों तक मलबा आने के कारण ग्रामीणों ने पुरजोर विरोध कर आवाजा उठाई, महज पांच परिवार होने के कारण उनकी किसी ने नहीं सुनी।
सड़क निर्माण पूरा हुआ तो ग्रामीणों ने कुछ राहत की सांस ली। अगले ही वर्ष सड़क के ठीक ऊपर पहाड़ी पर भारी भूस्खलन हो गया। जिससे भारी मात्रा में मलबा ग्रामीणाें के भवनों तक जा घुसा। खेतों में मलबा भरने से फसल चौपट हुई तो भूस्खलन से पहाड़ी हमेशा के लिए खतरा बन गई। ग्रामीणों ने विधायक समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काट पहाड़ी की रोकथाम की मांग की।
ग्रामीण धीरज ढैला बताते है कि शिकायत के बाद विभागीय अधिकारी सड़क तक ही पहुंच सके नीचे गांव तक आकर किसी ने मौका मुआयना नहीं किया। चार साल से पहाड़ी पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। जिससे हल्की वर्षा में ही पत्थर व बोल्डर भवन तक आ जाते है। पांच साल बीतने के बाद भी पहाड़ी का उपचार नहीं किया गया। सड़क बनाने वाले ठेकेदार ने पहाड़ी तलहटी पर कुछ चैक डैम बनाये पर वह मलबा रोकने के लिए पर्याप्त नहीं है। अब सीएम पोर्टल में भी शिकायत की गई है।
पांच साल से पहाड़ी से मलबा घरों में घुसने का संकट बना हुआ है। कई बार मांग करने के बाद भी रोकथाम नहीं हो पाई है। पूरा परिवार डर डर को जीने को मजबूर है। - भुपाल सिंह कार्की, ग्रामीण
दो दिनों से हो रही बारिश से गौशाला तक मलबा भर गया है। हल्की बारिश में भी पत्थर बड़ी तेजी से घर तक आते है। जिसमें छोटे बच्चों के चोटिल होने का खतरा बना रहता है। - पुष्पा देवी, ग्रामीण
पांच साल से शिकायत लेकर नेताओं व अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर काट रहा हूं, सभी ने हमेशा रोकथाम कार्य जल्द होने का आश्वासन दिया। पांच साल बीतने के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। - धीरज ढैला, ग्रामीण
गांव से तीन परिवारों को एहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थान में विस्थापित किया गया है। पहाड़ी की रोकथाम के लिए विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम से निरीक्षण करवाया जा रहा है। जल्द ही टीम के सुझाव पर रोकथाम कार्य करवाया जाएगा। - नवाजिश खलीक, एसडीएम नैनीताल
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