नैनीताल में धू-धूकर जली 162 साल पुरानी इमारत, बुजुर्ग महिला की मौत
नैनीताल में एक घनी आबादी वाले इलाके में स्थित एक भवन में भीषण आग लग गई है। दमकल की गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। वहीं आशंका है कि इस भवन में एक बुजुर्ग महिला की जलकर मौत हो गई है। भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। शहर के मल्लीताल मोहनको स्थित तीन मंजिला भवन में बुधवार की रात भीषण आग लग गई। ओल्ड लंदन हाउस नाम से पहचान रखने वाले इस भवन में एक महिला जिंदा जल गईं। यह घर इतिहासकार प्रो. अजय रावत की बहन शांता देवी का था। शव अधिक जला होने से शिनाख्त नहीं हुई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि शव शांता का होगा।
शांता के बेटे को स्थानीय लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाला। लपटें इतनी भीषण थी कि दमकल विभाग को आग पर काबू पाने में ढाई घंटे से अधिक समय लग गया। भवन पूरी तरह जलकर गया है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
नैनीताल में फिर भीषण अग्निकांड
— UP Desk (@NiteshSriv007) August 27, 2025
-- आबादी क्षेत्र स्थित भवन में लगी आग
-- भवन में बुजुर्ग महिला के भीतर होने की संभावना
-- दमकल विभाग मौके पर पहुंचा
-- आग पर काबू पाने की की जा रही कोशिश
-- आग की लपटें तीव्र होने के कारण काबू पाना चुनौती#nainital pic.twitter.com/JRMDU6ko4R
जानकारी के मुताबिक इतिहासकार अजय रावत की बहन शांता देवी मोहनको चौराहे पर ओल्ड लंदन हाउस में अपने बेटे के साथ रहती थी। रात करीब पौने दस बजे रेस्टोरेंट संचालकों और राहगीरों ने उनके भवन से आग की लपटें उठती देखीं।
दमकल विभाग को सूचना देने के साथ ही रेस्टोरेंट संचालक नफीस अहमद, नितिन जाटव समेत कुछ युवकों ने भवन के भीतर घुसकर शांता के बेटे निखिल को बाहर निकाल लिया। आग की लपटें व धुआं अधिक होने के कारण लोग भवन के दूसरे कमरे में नहीं जा सके।
तेज हवा की वजह से आग ज्यादा विकराल हुई। रात 11 बजे तक पूरा भवन धू-धू कर जलने लगा। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने हाईड्रेंट से पाइप जोड़ा तो हाईड्रेंट खाली मिला।
आनन-फानन में दमकल वाहनों से ही आग पर पानी की बौछार कर काबू पाने का प्रयास किया गया। रात साढ़े 12 बजे आग बुझाई गई और उसके बाद दमकल कर्मियों ने भीतर जाकर देखा तो महिला का जला हुआ शव बरामद हो गया।
1863 में बना था भवन
यह भवन 1863 का बना है। अंग्रेजी हुकूमत के समय नैनीताल नार्थ प्रिवेंस कैपिटल था। तब इस भवन की सबसे ऊपरी मंजिल में अंडर सेक्रेटरी स्तर के सेक्शन आफिसर रहते थे। जबकि दूसरी मंजिल में लिपिक तथा सबसे नीचे चतुर्थ श्रेणी कर्मी रहा करते थे। वर्तमान में इतिहासकार प्रो. अजय रावत की बड़ी बहन शांता देवी व बेटा उनका निखिल यहां रह रहे थे।
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