Updated: Wed, 20 Aug 2025 04:48 PM (IST)
उत्तराखंड हल्द्वानी में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के दौरान गायब हुए पांच सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपहरण की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें ले जाने वाले उनके अपने लोग थे। सदस्यों ने भाजपा के प्रति अपनी निष्ठा जताई और कांग्रेस के साथ विचारधारा मेल न खाने की बात कही। उन्होंने वायरल वीडियो पर भी स्पष्टीकरण दिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के दौरान गायब होने वाले पांचों जिला पंचायत सदस्य मंगलवार को शहर पहुंचे। नवनिर्वाचित जिपं अध्यक्ष दीपा दरम्वाल के साथ प्रेस कान्फ्रेंस की और कहा कि हमारा अपहरण नहीं हुआ, हमें ले जाने वाले अपने ही लोग थे। जबकि इसी मामले से सड़क से लेकर सदन तक हंगामा मचा हुआ है।
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रामपुर रोड स्थित एक रेस्टोरेंट में शाम पांच बजे जिपं अध्यक्ष के साथ जिपं सदस्य डिकर मेवाड़ी, प्रमोद कोटलिया, विपिन जंतवाल, दीपक बिष्ट और तरुण शर्मा भी पहुंचे। अचानक बुलाई गई इस कान्फ्रेंस में भाजपा प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट, मंडी परिषद अध्यक्ष डा.अनिल कपूर डब्बू, प्रदेश प्रवक्ता विकास भगत, जिला महामंत्री नवीन भट्ट, जिपं सदस्य बहादुर सिंह नगदली, आनंद दरम्वाल समेत कई नेताओं की मौजूदगी दिखी।
मीडिया से बातचीत में जिपं सदस्य तरुण शर्मा ने पक्ष रखा। इसी समय तरुण का दिया एक बयान भी तेजी से प्रसारित भी हो रहा है जिसमें उन्होंने कहा कि वह पहले से भाजपा की विचारधारा से जुड़े थे। निर्दलीय जिपं सदस्य का चुनाव जीतने के बाद पुष्पा नेगी को इसलिए समर्थन दिया था कि वह निर्दलीय के तौर पर लड़ेंगी लेकिन वह कांग्रेस में शामिल हो गई। इसी वजह से उन्होंने अपना समर्थन नहीं दिया। शर्मा ने यह भी कहा कि हम जितने भी जिला पंचायत सदस्य हैं। सभी 10 वर्षों से भाजपा से जुड़े हैं।
पहले भी वह युवा मोर्चा के साथ जुड़ा रहा और आगे भी पार्टी के साथ रहेंगे। बीच में भाजपा जिंदाबाद, पुष्कर सिंह धामी जिंदाबाद के नारे लगाने लगते हैं। कांग्रेस की ओर से आपके अपहरण किए जाने के आरोप वाले सवाल पर तरुण कहते हैं, कांग्रेस के साथ न हम थे और न ही उनसे हमारी विचारधारा मिलती है। हम पुष्पा नेगी (कांग्रेस प्रत्याशी) के साथ निर्दलीय तौर पर गए थे लेकिन 11 अगस्त को जब उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया तो हमें आत्मा से दुख हुआ।
इसके बाद से हम भाजपा के साथ हैं। अपहरण वाले वीडियो को लेकर तरुण का जवाब भी चौंकाने वाला है, वह कहते हैं, हमारा जो वीडियो (मतदान के समय कथित अपहरण) वायरल हुआ है, वह हमारे ही लोग थे। वह हमें ले के आए। हमारे साथ ऐसा-वैसा कुछ नहीं हुआ है। हम वोट देने गए थे। वहां पर पार्टियों का आपस में... हो रहा था। इसलिए माहौल खराब देख हम आ गए। अब हो गया, हम लोग थके हुए हैं।
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