Updated: Thu, 28 Aug 2025 04:37 PM (IST)
चार्टर्ड अकाउंटेंट सरोज आनंद जोशी ने दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में बताया कि 20 लाख रुपये तक की बिक्री पर जीएसटी की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने आयकर और जीएसटी से जुड़े सवालों के जवाब दिए। नया आयकर कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा जिससे कर प्रणाली सरल होगी। विदेश में नौकरी करने वालों के लिए निवासीय स्थिति के आधार पर टैक्स के नियम बताए गए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। नई आयकर प्रणाली एक अप्रैल, 2026 से लागू होगी। बताया जा रहा है कि इससे टैक्स प्रणाली का सरलीकरण होगा और यह आमजन के हित में होगा। व्यापारियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए चार्टर्ड अकाउंटेंट सरोज आनंद जोशी ने बताया कि 20 लाख रुपये की बिक्री तक जीएसटी की आवश्यकता नहीं है। इसे लेकर व्यापारियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में सीए जोशी ने वस्तु एवं सेवा कर से लेकर नए आयकर अधिनियम से जुड़े सुधी पाठकों के प्रश्नों का जवाब दिया और उनकी जिज्ञासा का समाधान किया। पेश है बातचीत पर आधारित संक्षिप्त रिपोर्ट :
प्रश्न : मेरी किराने की दुकान है। मुझे सामान लाने में परेशानी होती है। जीएसटी पंजीकरण किए जाने का दबाव रहता है। यहां सीए व टैक्स जानकार भी नहीं हैं। ऐसे में क्या करें? - सुयालबाड़ी से मदन मोहन सुयाल
उत्तर : 20 लाख रुपये तक की बिक्री तक के लिए जीएसटी की आवश्यकता नहीं है। हां, आप जो भी सामान खरीद रहे हैं। उसके पक्के बिल अवश्य रखने चाहिए।
प्रश्न : आयकर भरने की तिथि कब तक है? क्या देर होने पर जुर्माना भी भरना पड़ेगा? - पिथौरागढ़ से गिरीश
उत्तर : अब 15 सितंबर तक आरटीआइ दाखिल कर सकते हैं। विलंब होने पर जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
प्रश्न : मैंने जमीन बेची थी। उससे प्राप्त रकम को दोमंजिला मकान के निर्माण में लगा दिया। ऐसे में क्या मैं टैक्स छूट का लाभ ले सकता हूं। जबकि मैंने वैल्यूएशन भी किया है। - हल्द्वानी से रमेश चंद्र कांडपाल
उत्तर : आयकर अधिनियम की धारा 54 के तहत आप छूट का लाभ ले सकते हैं। सबसे अच्छा यह है कि आपने वैल्यूएशन भी किया है।
प्रश्न : मेरी भतीजी जर्मनी में नौकरी करती है। क्या उसे भारत में टैक्स भरना पड़ेगा? - गौलापार से यशिता
उत्तर : विदेश से प्राप्त आय पर टैक्स भरने की स्थिति उसके निवासीय स्थिति पर निर्भर करती है। अगर कोई करदाता 182 दिन से कम समय तक भारत में रहता है या फिर वह केवल सेवा के लिए बाहर गया है तो एसे आय पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा। 182 दिन से अधिक समय तक भारत में रहने और उस देश के साथ डबल टैक्सेशन एवायडेंस एग्रीमेंट है तो भी उसे छूट मिल सकती है।
प्रश्न : क्या सर्किल रेट से ऊपर जमीन की खरीद पर भुगतान नगद में लिया जा सकता है? - चोरगलिया से योगेश
उत्तर : सर्किल रेट और वास्तविक देयक भुगतान, इनमें जो भी अधिक होगा, वहीं विक्रय मूल्य माना जाएगा। आयकर अधिनियम के अनुसार प्रापर्टी के क्रय-विक्रय पर नगद भुगतान निषिद्ध है।
प्रश्न : मेरी दुकान है। बैंक मुद्रा लोन के लिए बैंक की ओर से जीएसटी रजिस्ट्रेशन की मांग की जा रही है। क्या करें? - हल्द्वानी से योगें द्र
उत्तर : जीएसटी कानून के तहत वस्तुओं की बिक्री पर 20 लाख तक की छूट है। ऐसे में आपको जीएसटी की जरूरत नहीं है। ऐसे में बैंको को भी निर्धारित नियमों के तहत सहयोग करना चाहिए।
प्रश्न : आयकर की नई कर प्रणाली या पुरानी कर प्रणाली में ज्यादा लाभ किसमें है? - पिथौरागढ़ से गरिमा
उत्तर : अधिकांश मामलों में नई कर प्रणाली ही लाभदायक है। अगर अधिक मकान, संपत्ति लोन है। छूट में अधिक निवेश है तो फिर पुराने कर प्रणाली को अपनाना ठीक रहेगा।
प्रश्न : नया आयकर कानून-2025 कब से लागू होगा। इसमें मुख्य बदलाव क्या हैं? - हल्द्वानी से ललित
उत्तर : यह नया कानून एक अप्रैल, 2026 से लागू होगा। यह पुराने आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेगा। सरकार के मुताबिक इसमें कर प्रणाली का सरलीकरण होगा।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।