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    उत्तराखंड में हादसे का कारण बन रहे निर्माणाधीन सड़कों पर दौड़ रहे यात्री वाहन

    By Prashant MishraEdited By:
    Updated: Fri, 25 Feb 2022 12:05 PM (IST)

    उत्तराखंड में चम्पावत हादसे के बाद भले ही हर जिले में वाहनों की चेकिंग बढ़ा दी हो। पर हादसे की एक बड़ी वजह निर्माणाधीन रास्तों पर धड़ल्ले से यात्री वा ...और पढ़ें

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    मैक्स हादसे मेें 14 ग्रामीणों की मौत ने परिवहन विभाग और पुलिस के चेकिंग की पोल खोल कर रख दी।

    नरेश कुमार, नैनीताल। सरकारी तंत्र की उदासीनता व लापरवाही से पहाड़ी मार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सड़क परिवहन प्राधिकरण की मंजूरी के बिना ही दर्जनों निर्माणाधीन सड़कों पर वाहनों का बेरोकटाके संचालन हो रहा हैं। चम्पावत के एसडीएम सूखीढांग-डांडा-मीनार मार्ग पर मैक्स हादसे मेें 14 ग्रामीणों की मौत ने परिवहन विभाग और पुलिस के चेकिंग अभियान की पोल खोल कर रख दी है।

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    आठ मार्गों पर बिना स्वीकृति दौड़ रहे वाहन

    राज्य बनने के बाद परिवहन विभाग की ओर से जिले में 294 मार्गों को आरटीए स्वीकृति दी जा चुकी है। आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि बीते वर्ष आरटीए बैठक में आठ मार्ग ग्वालपुर-डाबार-डबोली-द्यूलीशाला-सीलिंग मोटर मार्ग, पजैना धैना लिंगरानी मोटरमार्ग, भींड़ापानी-पतलिया ज्योश्यूड़ा मोटर मार्ग, मोरनौला-मझोला, डालकन्या कुंडल भोलापुर, अमजड़ मीडार, तल्ला मल्ला ओखलकांडा, टकुरा करायल-जमराड़ी की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव रखा गया था। अगली बैठक में इन सड़कों को लेकर चर्चा होनी थी मगर आचार संहिता के चलते बैठक नहीं हो पाई।

    निर्माणाधीन सड़कों पर खतरा बरकरार

    निर्माणाधीन संस्था के सड़क का काम पूरा करने, परिवहन विभाग के संयुक्त सर्वे के बाद ही सड़क को आरटीए स्वीकृति दी जाती है, मगर जिले में दर्जनों सड़कों और लिंक मार्गों का हाल यह है कि कार्य पूरा होने से पूर्व ही इन मार्गों में वाहन दौड़ रहे है। हल्द्वानी लोनिवि डिवीजन में 25 से अधिक सड़क व लिंक मार्ग, नैनीताल लोनिवि प्रांतीय खंड में तीन, निर्माण खंड में तीन, भवाली डिवीजन में चार मार्गों का कार्य चल रहा है।

    जवाबदेही तय नहीं

    जिले में सड़क सुरक्षा रामभरोसे है। निर्माणाधीन मार्गों के साथ ही बिना आरटीए मंजूरी वाली सड़कों पर दौड़ते वाहनों की रोकथाम को लेकर किस विभाग की जवाबदेही तय है, यह स्पष्टï नहीं है। कार्यदायी संस्था को महज निर्माण कार्य से सरोकार रहता है, जबकि यातायात रोकना अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर मानती है।

    कोई बैरियर नहीं, चेकिंग पर सवाल

    जिले में पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाने वाले वाहनों की चेकिंग के लिए परिवहन विभाग की कोई चौकी अथवा बैरियर नहीं है। हादसों ने पुलिस चेकिंग पर भी गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। हल्द्वानी से पहाड़ की ओर चढऩे में कालाढूंगी, काठगोदाम, भीमताल, भवाली, ज्योलीकोट, मंगोली समेत अन्य स्थानों पर चलने वाले चेकिंग अभियान हवाई साबित हो रहे हैं।

    चेक पोस्ट पर वाहन चेक क्यों नहीं किया

    चम्पावत हादसे पर कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने डीएम चम्पावत को पत्र भेजा है। पूछा है कि दुर्घटना से पहले वाहन किस पुलिस चेक पोस्ट से होकर गुजरा। चेक पोस्ट पर वाहन चेक क्यों नहीं किया गया। चेक पोस्ट पर तैनात कार्मिकों की जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कमिश्नर ने मंडल के डीएम व जिला पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजकर वाहनों की ओवरलोडिंग, फिटनेस आदि की गहनता से जांच करने को कहा है। साथ ही कहा कि पुलिस बैरियर व परिवहन विभाग की ओर से चेकिंग सही प्रकार से नहीं की जा रही है।