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    स्टेशन से सड़क तक कुत्तों का जमावड़ा, शहर में नहीं सरकारी शेल्टर

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 10:29 AM (IST)

    शहर में स्टेशन से सड़क तक कुत्तों का जमावड़ा लगा रहता है, क्योंकि यहां कोई सरकारी शेल्टर नहीं है। आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या से राहगीर परेशान हैं। स्थानीय लोग चिंतित हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि कुत्तों की देखभाल की जा सके और लोगों को राहत मिले।

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    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी। कुमाऊं के प्रवेशद्वार हल्द्वानी में सरकारी शेल्टर (आश्रय स्थल) न होने से यह सवाल बरकरार है कि सार्वजनिक स्थलों पर घूमने वाले कुत्तों को कहां रखेंगे। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर भी फिलहाल असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि अस्पताल, बस-रेलवे स्टेशन, शिक्षण व खेल परिसरों समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों से कुत्तों को आश्रय स्थल में शिफ्ट किया जाएं।

    हल्द्वानी में अक्सर सार्वजनिक स्थलों और आसपास बेसहारा कुत्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है। इनके हमले में कई बार लोग घायल भी हो चुके हैं। आबादी क्षेत्रों में भी आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा। दूसरी तरफ निगम का कहना है कि वह कुत्तों की नसबंदी के बाद उन्हें वापस छोड़ देता है। कुत्तों को रखने की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ निजी संस्था जरूर आश्रय स्थल का संचालन करती है। लेकिन इनकी क्षमता इतनी नहीं कि शहर भर के कुत्तों को जगह दे सके।

    सात महीने में 5870 लोगों पर झपटे कुत्ते
    हल्द्वानी व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बेस अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डाले तो फरवरी से अगस्त के बीच यानी छह महीनों में 5870 लोगों को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाए गए हैं। पीड़िताें में बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। इससे पता चलता है कि आबादी से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर घूमने वाले कुत्ते लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं।

    एबीसी सेंटर के पास देखी गई थी भूमि
    राजपुरा क्षेत्र में निगम का एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर है। अगस्त में भी कुत्तों से जुड़ा मुद्दा उठा था। जिसके बाद तत्कालीन नगर आयुक्त ऋचा सिंह ने सेंटर के पास खाली भूमि पर डीपीआर बनाने की बात कही थी। हालांकि, यहां केवल खूंखार कुत्तों को ही रखा जाना था। लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ पाया।

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    निगम की ओर से एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का संचालन कर गली-मोहल्लों में घूमने वाले कुत्तों की नसबंदी की जाती है। आश्रय स्थल को लेकर शासन के दिशा-निर्देश के हिसाब से आगे काम किया जाएगा।

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    पारितोष वर्मा, नगर आयुक्त