दिन के ये तीन घंटे बेहद खतरनाक! उत्तराखंड में एक साल में हुए 320 सड़क हादसे
उत्तराखंड में पिछले एक साल में 320 सड़क हादसे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच सबसे ज़्यादा दुर्घटनाएँ हुईं, जो सड़क पर चलन ...और पढ़ें

एक साल में उत्तराखंड में कुल 1691 सड़क हादसे, 1054 ने गंवाई जान। प्रतीकात्मक
चयन राजपूत, हल्द्वानी। शाम होते ही सड़कों पर वाहनों का दबाव तेजी से बढ़ जाता है। किसी को आफिस से घर पहुंचने की हड़बड़ी रहती है तो किसी को विवाह आदि समारोहों में जाने की जल्दीबाजी। शराब पीकर वाहन चलाने और ओवरटेकिंग करने जैसी आदि लापरवाहरियों की वजह से उत्तराखंड में सबसे अधिक दुर्घटनाएं हुई हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो(एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। शाम छह बजे से रात नौ बजे तक देवभूमि में 320 हादसे हुए।
उत्तराखंड जैसे पर्वतीय प्रदेश में सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। एनसीआरबी की रिपार्ट के अनुसार प्रदेश में एक वर्ष में कुल 1691 सड़क हादसे हुए। इसमें 1488 लोग घायल हुए जबकि 1054 लोगों ने जान गंवाई। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में नौ जिले पर्वतीय हैं। इन क्षेत्रों में पर्यटन स्थल हैं। चार धाम से लेकर आदि कैलास व जागेश्वर जैसे विश्व प्रसिद्ध धाम हैं। इन क्षेत्रों में भ्रमण के लिए देश-विदेश से लोगों का आवागमन लगा रहता है। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में रात में वाहन प्रतिबंधित हैं।इसके बावजूद अन्य राज्यों के पर्यटकों के रात में पर्यटन स्थल पहुंचने की हड़बड़ी रहती है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सड़कें खराब होने और मोड़ आदि की समझ न होने की वजह से दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। शाम छह के बाद थकान, तनाव, नींद आने की समस्या भी बढ़ जाती है।कई बार वाहन चालकों को धुंधला दिखता है। हाई बीम की लाइटें आंखों में पड़ने लगती हैं। यह भी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है। इसी रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में 2255 सड़क हादसे हुए। इसमें 3301 घायल व 885 की मौत हुई है।
केस-एक
एक दिसंबर को तेज रफ्तार बाइक सवार की हुई मृत्यु
नैनीताल रोड में एमबीपीजी कालेज के पास एक दिसंबर यानी सोमवार की रात करीब नौ बजे स्पोर्ट्स बाइक सवार युवक सड़क हादसे में घायल हो गए थे। हादसा इतना भीषण था कि एक युवक के सिर से नसें ही बाहर आ गईं थी। जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां 15 साल के मयंक ने जान गंवा दी थी। पुलिस की मानें तो हादसे की वजह रात में ओवरस्पीड मानी गई है।
केस-दो
घर से सब्जी लेने निकला युवक नहर में गिरकर हुई मौत
30 नवंबर यानी शनिवार की शाम करीब छह बजे हल्दूचौड़ का 21 वर्षीय सुनील बाइक से बाजार में सब्जी लेने के लिए निकला। लेकिन नहर के पास बाइक रपटने से वह उसमें गिर गया।पुलिस की मानें तो हादसे की वजह कहीं न कहीं शाम के समय कम विजिबिलिटी रही है। जिसके चलते युवक की नहर में गिरकर मौत हो गई थी।
केस-तीन
कैंटर ने बाइक सवार को मारी टक्कर, चालक की मौत
शनिवार की रात करीब नौ बजे कालाढूंगी रोड में एक टैंकर चालक ने सामने से आ रहे बाइक सवार दो युवकों को कुचल दिया। जिसमें बाइक चला रहे चकलुवा निवासी 22 वर्षीय लोकेश मौर्य की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस की मानें तो इसके पीछे टैंकर चालक के ड्रिंक एंड ड्राइव या कम विजिबिलिटी के चलते सड़क हादसा बताया जा रहा है। हालांकि अभी टैंकर चालक फरार है।
उत्तराखंड में 2023 में सड़क हादसे का समय व दुर्घटनाओं के आंकड़े
- समय - दुर्घटनाएं
- रात 12 से तीन बजे - 142
- रात तीन से छह बजे तक - 108
- सुबह छह से नौ बजे तक - 235
- सुबह नौ से 12 बजे तक - 233
- अपराह्न 12 से दोपहर तीन बजे - 196
- दोपहर तीन से शाम छह बजे - 249
- शाम छह से रात नौ बजे - 320
- रात नौ से 12 बजे तक - 218
- कुल - 1691
पुलिस की ओर से नियमित चेकिंग की जाती है। यह चेकिंग अक्सर शाम को होती है। इसमें यह देखा जाता है कि चालक कहीं शराब पीकर तो वाहन नहीं चला रहा है। वाहनों में रिफलैक्टर लगे हैं या नहीं।पर्यटन सीजन में पर्यटकों को जागरूक करने के लिए इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है।किसी भी तरह की लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी की जाती है। - रिद्धिम अग्रवाल, आइजी कुमाऊं रेंज
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