नैनीताल हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की अधिसूचना को किया था रद, राज्य गठन के बाद 25 बड़े फैसले
नैनीताल हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन लगाने की अधिसूचना को रद्द कर दिया, जो उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना थी। राज्य गठन के बाद कोर्ट ने 25 बड़े फैसले दिए, जिनका राज्य के विकास पर गहरा प्रभाव पड़ा। यह न्यायिक सक्रियता का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।

25 साल में राज्य के सबसे बड़े न्याय के मंदिर ने दिए ऐतिहासिक निर्णय। आर्काइव
किशोर जोशी,जागरण नैनीताल। राज्य स्थापना के साथ ही उत्तराखंड हाई कोर्ट की नैनीताल में स्थापना भी हुई। इन 25 सालों में राज्य के सबसे बड़े न्याय के मंदिर ने ऐतिहासिक निर्णयों से न्यायपालिका के प्रति जन विश्वास को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने महिलाओं के साथ ही पीड़ितों को संवैधानिक अधिकार दिलाकर संविधान की अवधारणा को मजबूत बनाया।
2016 में हाई कोर्ट ने राज्य में पहली बार लगाए राष्ट्रपति शासन की अधिसूचना को रद कर तत्कालीन हरीश रावत सरकार को बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी सही ठहराया और सरकार बहाल हो गई। देश के इतिहास में पहली बार किसी हाई कोर्ट ने राष्ट्रपति शासन की अधिसूचना को रद किया था। कोर्ट ने अपने निर्णय में राज्य में संविदा पर कार्यरत महिलाओं को मातृत्व अवकाश का हक दिलाकर महिला अधिकारों को संवैधानिक आवरण प्रदान किया। निर्णय में यह कहा था कि नौकरी या प्रमोशन के लिए गर्भावस्था अयोग्यता नहीं बल्कि महान आशीर्वाद है।
राज्य गठन के बाद के 25 बड़े निर्णय
= 2001 में नैनीताल शहर में पुराना घोड़ा स्टेंड को हटाने, नैनी झील संरक्षण व सफाई का आदेश। इस आदेश के बाद ही झील सफाई अभियान में तेजी आई और शहर से गंदगी दूर हुई।
= 2017 में मोहम्मद सलीम बनाम उत्तराखंड राज्य मामले में जीवनदायिनी गंगा और यमुना नदी को जीवित इकाई (लीगल पर्सन) घोषित किया गया। जिससे नदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए ट्रस्टी नियुक्त किए गए। यह पर्यावरण संरक्षण में मील का पत्थर साबित हुआ।
= 2017 में ही हिमालय गंगा-यमुना निर्णय का विस्तार करते हुए हिमालय, ग्लेशियरों और जलस्रोतों को लीगल पर्सन घोषित किया।
= 2016 में स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार दिशा निर्देश में राज्य सरकार को स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं (जैसे शौचालय, पीने का पानी) उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी किए।
= 2019 में ट्रांसजेंडर याचिकाकर्ता बनाम राज्य (गोपनीयता और गरिमा से संबंधित) मामले में ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिंग निर्धारण के अधिकार को मान्यता दी। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता की गरिमा और शारीरिक अखंडता का सम्मान किया जाए।
= 2023 में हाई कोर्ट ने सौभाग्य भगत के मामले में अग्रिम जमानत के संबंध में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण निर्णय दिया। जो सीआरपीसी की धारा-438 के तहत गिरफ्तारी से पूर्व जमानत के अधिकार को मजबूत करता है।
= 2025 में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण लाभ पर सरकारी आदेश रद कर दिया। जो पूर्व सैनिकों को आरक्षण लाभ केवल एक बार देने का प्रविधान करता था।
= 2025 में बागेश्वर जिले के खड़िया खनन मामले में न्यायमित्र दुष्यंत मैनाली को न्यायालय आयुक्तों के साथ मौके पर कई खड़िया खानों में भेजा गया। उस रिपोर्ट पर कोर्ट ने खड़िया खनन पर पाबंदी जारी रखी है।
= 2024 में दिव्यांगों के पुनर्वास के मामले में सख्त निर्देशों के बाद अधिकांश जिलों में दिव्यांगों के लिए थैरेपिस्ट और पुनर्वास विशेषज्ञों की नियुक्ति हो चुकी है।
= 2019 में वनाग्नि पर नियंत्रण मामले में ग्रामीणों की सहभागिता वाले शीतलाखेत माडल को पूरे राज्य में लागू करने के आदेश।
= 2020 में गांव-गांव में खुल रहे स्टोन क्रशरों के लिए जोन बनाने के आदेश हुए हैं और नए स्टोन क्रशरों को सहमति जारी करने पर रोक लगाई।
= 2019 में दशकों से अधूरे पड़े हल्द्वानी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम मामले की मानिटरिंग के बाद स्टेडियम का काम पूरा हुआ।
= 2023 हल्द्वानी के बनभूलपुरा से रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने व अतिक्रमणकारियों से जगह खाली करने का महत्वपूर्ण आदेश दिया।
= 2020 में उत्तराखंड के धार्मिक स्थानों पर पशुबलि खुले में करने पर पाबंदी का आदेश, इस आदेश के बाद ही राज्य के मंदिरों में पशुबलि पर रोक लगी।
= 2024 में पर्वतीय तथा भाबर के वन ग्रामों के पारंपरिक निवासियों के बेदखली को बेदखली से रोक लगाई।
= 2023 में पर्वतीय क्षेत्र में लगातार बढ़ते अपराधों के मामले में राजस्व पुलिस क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस के हवाले करने का निर्णय दिया। सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अपील वापस लेने के बाद पर्वतीय इलाकों में ब्रिटिशकाल से चल रही राजस्व पुलिस से रेगुलर पुलिस को हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है।
= 2023 में सीमांत पिथौरागढ़ जिले के धारचूला-मुनस्यारी आदि क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी और नेपाली सिम प्रयोग होने के मामले में आनलाइन क्लास और अन्य योजनाओं में इंटरनेट की बदहाली के मामले में दुर्गम क्षेत्र में बैलून इंटरनेट तथा टावर स्थापना के आदेश दिए।
= 2019 में पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुफ्त बिजली, पानी, टेलीफोन सहित अन्य सुविधाओं की वसूली का ऐतिहासिक आदेश।
= 2020 में कोटद्वार बार एसोसिएशन ने अधिवक्ता की हत्या के बाद अभियुक्त की पैरवी नहीं करने के प्रस्ताव को किया रद। इसे निर्णय को संविधान, नैतिकता के मांपदंडों के विरुद्ध करार देते हुए 25 हजार जुर्माना लगाया गया।
= 2020 में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम-2019 को असंवैधानिक ठहराने की पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका खारिज की।
= 2025 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दो जगह मतदाता सूची वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाई।
= 2025 में राज्य में विभागों सहित सरकारी संस्थानों में उपनल सहित अन्य माध्यमों से सेवारत 20 हजार से अधिक कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान व नियिमितीकरण का आदेश।
= 2023 में कार्बेट नेशनल पार्क क्षेत्र में छह हजार से अधिक पेड़ काटने व अवैध निर्माण मामले में अफसरों पर कार्रवाई का आदेश।
= 2021 में अल्मोड़ा में बंदरों से आतंक से निजात दिलाने, गली मोहल्लों में क्रिकेट खेलने वाले बच्चों के पत्र को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई कर अहम दिशा-निर्देश जारी किए।
= 2024 में राज्य में 48 स्टोन क्रशर बंद करने व बिजली कनेक्शन काटने का आदेश, अवैध खनन मामले में पारित ऐतिहासिक आदेश।

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