सैनिक दीप पर्व पर घर नहीं जा सके उनके साथ दीपावली मनाने आया हूं : थल सेनाध्यक्ष
थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों के साथ दीपावली मनाई और उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कोविड काल और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। वर्तमान सैनिकों को भी अदम्य साहस के लिए सम्मानित किया गया। थल सेनाध्यक्ष ने सैनिकों को अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

अपने संबोधन से सैनिकों का उत्साहवर्द्धन किया. Jagran
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़। थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों से कहा कि जो सैनिक दीप पर्व पर अपने घर नहीं जा सके उनके परिवार का हिस्सा बन कर उनके साथ दीपावली मनाने वह सैनिकों के बीच आए हैँ। सैनिकों को दीपावली की शुभकामनाएं दी ।
शनिवार सायं को सैन्य क्षेत्र के 12 कुमाऊं के खेल मैदान में थल सेनाध्यक्ष ने तीन पूर्व सैनिकों में मेजर ललित सामंत, कैप्टन देवी चंद और नायक ललित सिंह धनिक को कोविड काल और सामाजिक क्षेत्र में सेवानिवृत्ति के बाद उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया।
वहीं वर्तमान 12वीं कुमाऊं रेजीमेंट के मेजर संदीप सिंह, ,119 इंफैंट्री बटालियन के मेजर अंबर गुप्ता ओर इसी बटालियन के हवालदार कपिल को अदम्य साहस के लिए सम्मानित किया। इस अवसर पर लेफिटनेंट जनरल डीजी मिश्रा , ब्रिगेडियर गौतम पठानिया उपस्थित रहे।
मूंछे हो तो नत्थू लाल जैसी
पिथौरागढ़: थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने सैनिकों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा प्रत्येक सैनिक को अपनी एक विशिष्ट पहचान बनानी चाहिए । उसकी पहचान ऐसी हो कि लोग उसे मूंछे होे तो नत्थु लाल जैसी कहा। सैनिकों से यह भी पूछा कि यह डायलाग किसका था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।