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    Uttarakhand News: बैल खरीदने जा रहे युवक की भूस्खलन के चपेट में आने से मौत, नेपाल सीमा से लगे गांव की घटना

    Updated: Tue, 26 Aug 2025 09:39 PM (IST)

    नेपाल सीमा के पास पंचेश्वर क्षेत्र के बिविल गांव में भूस्खलन से पिथौरागढ़ के लक्ष्मण चंद की मौत हो गई। वह अपने साथी हरीश के साथ बैल खरीदने जा रहा था। स्थानीय लोगों ने उसे बचाने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। प्रशासनिक टीम ने मौके पर पहुंचकर सहायता प्रदान की और मृतक के परिवार को आर्थिक मुआवजा दिया। घायल हरीश स्वस्थ है इसलिए हेलीकाप्टर की जरूरत नहीं पड़ी।

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    बैल खरीदने जा रहे युवक की भूस्खलन के चपेट में आने से मौत।

    जागरण संवाददाता, चंपावत। पहाड़ी से हुए भू-स्खलन की चपेट में आने से 18 वर्षीय लक्ष्मण चंद की मौत हो गई, जबकि उसका साथी 27 वर्षीय हरीश चंद घायल हो गया। दोनों युवक बैल खरीदने के लिए पैदल गांव की तरफ जा रहे थे। तभी लक्ष्मण भूस्खलन की चपेट में आ गया। स्थानीय ग्रामीणों ने लक्ष्मण को बाहर निकाला, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।

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    पिथौरागढ़ जिले के रावतगड़ा निवासी लक्ष्मण चंद पुत्र प्रकाश चंद व हरीश चंद पुत्र नारायण चंद मंगलवार पूर्वाह्न में चंपावत जिले के पंचेश्वर क्षेत्र के बिविल गांव आ रहे थे। पूर्वाह्न 11 बजे के आसपास बिविल गांव के डरौ तोक में अचानक भूस्खलन हो गया। पैदल जा रहे लक्ष्मण भूस्खलन की चपेट में आ गया।

    हरीश ने भागकर जान बचाई। सूचना पर स्थानीय ग्रामीण मौके पर जुट गए और घायल लक्ष्मण को मलबे से बाहर निकाला। हालांकि अस्पताल ले जाने की तैयारी से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। बाद में एडीएम जयवर्धन शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग, फायर ब्रिगेड, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) व एसएसबी की टीम मौके पर पहुंची।

    सीएमओ डा. देवेश चौहान ने लक्ष्मण के मृत होने की पुष्टि की। मृतक का मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया। तहसीलदार जगदीश नेगी ने स्वजन को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा।

    एसडीएम नीतेश डांगर, सीओ एसएस राणा, बीडीओ कवींद्र रावत, डा. मंजीत सिंह, पिंकी धामी, ईई लोनिवि हितेश कांडपाल मौके पर पहुंचे थे।

    हेलीकॉप्टर नहीं आ सका काम

    घटना की जानकारी मिलने पर मौके को रवाना हुई प्रशासनिक मशीनरी ने किमतोली में हेलीकाप्टर पहुंचा दिया था। घायलों को ऋषिकेश एम्स ले जाने की तैयारी थी। घायल लक्ष्मण ने मलबे से निकालने के कुछ देर बाद ही दम तोड़ दिया। दूसरे साथी हरीश बिल्कुल स्वस्थ थे। ऐसे में उन्हें हायर सेंटर भेजने की जरूरत नहीं पड़ी। ऐसे में प्रशासन की तैयारी व किमतोली हेलीकाप्टर पहुंचाना काम नहीं हा सका।