समय से पहले ही उत्तराखंड में बढ़ा ठंड का प्रकोप, इन इलाकों में नलों में ही जम गया पानी
उत्तराखंड में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे कई क्षेत्रों में नलों में पानी जम गया है। इससे स्थानीय लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ठंड से निपटने के लिए तैयार है और लोगों को सुरक्षित रहने की सलाह दी जा रही है।

समय से पूर्व कड़ाके की ठंड इस बार ग्रामीणों के उच्च हिमालय में ही रहने को लेकर संशय। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण , धारचूला । इस बार मौसम में अचानक बदलाव आया है। बिना वर्षा , हिमपात के ही कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। उच्च हिमालयी भू भाग में दिसंबर माह में जमने वाला पानी अभी से जमने लगा है। ज्योलिंगकोंग , आदि कैलास क्षेत्र में पानी जम चुका है। इससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में तो अब नाले भी ग्लेशियर का रूप लेने लगे हैँ।
बीते एक सप्ताह से मौसम में एकाएक परिवर्तन आने लगा है। जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में तक न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने लगा है । उच्च हिमालयी भू भाग से प्राप्त सूचना के अनुसार क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिसके चलते शीतकाल में भी गुंजी, नाबी, दारमा के दांतू, दुग्तू ,बालिंग आदि गांवो में रहने वाले ग्रामीण परेशान हैं।
मौसम के ऐसा ही रहने पर अधिकांश ग्रामीणों के नवंबर तीसरे सप्ताह निचले क्षेत्रों में आने की संभावना बनी है। उच्च हिमालयी क्षेत्र में तापमान शून्य से नीचे पहुुंच चुका है। सुबह, शाम तो मानइस 6 से 7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार व्यास घाटी में ज्याेलिंगकोंग में पानी जम चुका है। दारमा और मल्ला जोहार के भी अत्यधिक ऊचाई वाले स्थानों पर भी पानी जमने लगा है।

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