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    आवारा आतंक: ऊधमसिंह नगर में हर माह 2000 लोगों को काट रहे कुत्ते, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद प्रशासन सुस्त

    Updated: Sat, 23 Aug 2025 07:56 PM (IST)

    ऊधम सिंह नगर में आवारा कुत्तों का आतंक जारी है जहां हर महीने लगभग दो हजार लोग इनके काटने से पीड़ित हैं। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद प्रशासन की सुस्ती बरकरार है। जिले में कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस नहीं हैं और बधियाकरण की गति भी धीमी है। रुद्रपुर नगर निगम ने कुछ प्रयास किए हैं लेकिन अन्य क्षेत्रों में स्थिति चिंताजनक है।

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    ऊधम सिंह नगर में नहीं है शेल्टर हाउस, एबीसी सेंटर से चलाया जा रहा काम। प्रतीकात्‍मक

    जाटी, ऊधम सिंह नगर। डाग बाइट से सर्वाधिक त्रस्त ऊधम सिंह नगर के लोगों की सुप्रीम कोर्ट की सख्ती से उम्मीद जग गई है। उन्हें भरोसा है कि अभी तक आंखें मूंदे बैठा जिले का सरकारी तंत्र अब इनसे राहत दिलाने का प्रयास करेगा। कोर्ट की तल्खी के बाद जागरण टीम ने शनिवार को जब पड़ताल की, तो पता चला कि इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं के बराबर की गई है।

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    नगर निगम रुद्रपुर को छोड़कर काशीपुर और नगर पालिका, नगर पंचायत इसे लेकर कितने गंभीर हैं, इसकी गवाही खुद सरकारी आंकड़े दे रहे हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार जिले में कुल करीब 60 हजार आवारा कुत्ते हैं। इसके सापेक्ष अब तक मात्र 4800 कुत्तों का बधियाकरण किया जा सका है। इसमें भी सिर्फ रुद्रपुर नगर निगम ने 4700 से अधिक कुत्तों को वैक्सीनेट किया है। यही कारण है कि कुत्तों के काटने के मामलों में कमी नहीं आ रही है।

    जिले में हर माह करीब दो हजार लोग इनके शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2023 में रुद्रपुर नगर निगम ने ह्यूमन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया फाउंडेशन को इस कार्य की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस संस्था ने कार्य आरंभ करने से पहले लगभग छह हजार कुत्तों की गणना की थी, जिसके सापेक्ष अब तक 4762 कुत्तों का बधियाकरण किया गया है। काशीपुर में कुल 8300 कुत्तों की गणना हुई थी, लेकिन वहां केवल 70 कुत्तों का बधियाकरण किया जा सका है।

    नगर पालिका और नगर पंचायतों में इस मामले में गंभीरता का अभाव है। कुत्तों का तेजी से बधियाकरण आवश्यक हो गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिला अस्पताल में हर माह 350 से 400 डाग बाइट के मामले आ रहे हैं। यही स्थिति काशीपुर, खटीमा, सितारगंज आदि क्षेत्रों की भी है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार, ऊधम सिंह नगर में एक भी शेल्टर हाउस नहीं है। एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का उपयोग अस्पताल शेल्टर के रूप में किया जा रहा है, और यही हाल काशीपुर का भी है।

    जिलेभर में यह है स्थिति

    • स्ट्रीट डाग: करीब 60,000
    • डाग बाइट: हर माह करीब दो हजार
    • वैक्सीनेशन: 3500-4000
    • शेल्टर हाउस: एक भी नहीं
    • एबीसी सेंटर: रुद्रपुर, काशीपुर
    • पंजीकरण: नगर निगम रुद्रपुर में 70, काशीपुर में 26
    • दोनों निगम में सात-सात सदस्यीय चिकित्सक समेत दो टीमें कार्य कर रही हैं।

    डाग बाइट : स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रुद्रपुर, खटीमा और काशीपुर में हर माह 350-400, बाजपुर में 100-150, जसपुर और गदरपुर में 50, सितारगंज में 500-550, और किच्छा में 200 मामले सामने आ रहे हैं।

    वैक्सीनेशन की स्थिति : रुद्रपुर में हर माह करीब 700-800, बाजपुर में 480, खटीमा 300, सितारगंज 230, काशीपुर 400-450, गदरपुर 124 डोज लगाई गई हैं।

    वैक्सीन उपलब्धता : डाग बाइट पर जिले में वैक्सीन उपलब्ध हैं। रुद्रपुर जिला चिकित्सालय में 200 बायल, बाजपुर 150, गदरपुर 33, जसपुर 60, खटीमा 200, सितारगंज 450 वायल, किच्छा 650, काशीपुर 200 बायल शेष है। एक वायल में चार डोज होते हैं।

    कुत्तों के पंजीकरण कराने को लेकर नहीं गंभीरता

    पालतू कुत्तों का पंजीकरण और लाइसेंस अनिवार्य है, लेकिन निगम और निकाय इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। वर्तमान में हर 10वें घर में पालतू कुत्ता है, लेकिन पंजीकरण की स्थिति चिंताजनक है। रुद्रपुर निगम में 2023 से अब तक केवल 74 और काशीपुर में 26 पंजीकरण हुए हैं।

    पंजीकरण शुल्क

    देसी कुत्तों के लिए 500 रुपये और अन्य ब्रीड के लिए 1000 रुपये निर्धारित किया गया है। पंजीकरण न कराने पर 200 रुपये से 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

    रुद्रपुर निगम में अब तक 4700 से अधिक कुत्तों का बधियाकरण किया जा चुका है। कार्यवाही जारी है और लक्ष्य जल्द पूरा किया जाएगा। शेल्टर हाउस के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। - नरेश चंद्र दुर्गापाल, नगर आयुक्त