Fake Certificate: उत्तराखंड में 10 हजार फॉर्म की जांच पूरी, सामने आया चौंकाने वाला सच
उत्तराखंड में फ़र्ज़ी प्रमाणपत्रों के मामले में 10 हज़ार फ़ॉर्म की जाँच पूरी हो चुकी है। जाँच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिनमें अभ्यर्थियों द ...और पढ़ें

काशीपुर में 10 हजार प्रपत्रों की जांच पूरी। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, काशीपुर । फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनाने वालों को अब प्रशासन बख्शने के मूड में बिल्कुल नहीं है। फर्जी दस्तावेज लगाकर निवास प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में काशीपुर में अब तक 10 हजार प्रमाण पत्रों की जांच हो चुकी हैं। इसमें 50 से अधिक निवास प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले हैं। उनकी फिर से जांच एवं सत्यापन की कार्रवाई चल रही है।
उत्तराखंड में पिछले कुछ दशक में तेजी से हुए जनसांख्यिकीय बदलाव को देखते हुए चर्चा का विषय बना हुआ है। वहीं हल्द्वानी जैसी घटना के बाद प्रदेश भर में स्थायी एवं जाति प्रमाण पत्रों की जांच चल रही है। वैसे तो तीन वर्ष के अंदर बने दस्तावेजों की जांच होनी है, लेकिन ऊधम सिंह नगर में जिलाधिकारी ने पिछले पांच वर्षो में बने दस्तावेजों की जांच के निर्दश दिए हैं। इस अवधि में काशीपुर में करीब 22 हजार से अधिक जाति प्रमाण पत्र औश्र 30 हजार से अधिक स्थायी निवास प्रमाण पत्र लोगों ने बनवाए हैं। जिनकी जांच पिछले माह के अंतिम सप्ताह से गतिमान है।
काशीपुर में अब तक 10 हजार निवास प्रमाण पत्रों की जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसमें करीब 50 से अधिक संदिग्ध स्थायी निवास प्रमाण पत्र प्रकाश में आया है। जिन्हें कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर बनवाया गया है। अब प्रशासन इन दस्तावेजों में लगे वोटर आईडी कार्ड, बिजली के बिल, निगम की ओर से जारी प्रपत्रों आदि की पुन: जांच और सत्यापन कराया जा रहा है। उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि 10 हजार दस्तावेजों की जांच पूरी हो चुकी है। 50 के करीब स्थायी निवास प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले हैं। जिनकी जांच फिर से हो रही है।

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