आग से जलकर महिला टीचर की मौत, लेकिन जली कैसे...पता नहीं; हिरासत में केयर टेकर
एक महिला शिक्षिका की आग में जलने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर का 70% भाग जलना और गंभीर बीमारी की पुष्टि हुई है। घटनास्थल पर कोई ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला। आग लगने का कारण अज्ञात है, पुलिस सीडीआर निकालकर जांच कर रही है।

पोस्टमार्टम में 70 प्रतिशत जलने की हुई पुष्टि. Concept Photo
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर । कौशल्या फेस दो में महिला शिक्षिका सुषमा पंत की मौत मामले में बुधवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई। जिसमें महिला शिक्षिका की मौत आग से जलने के कारण बताई गई है। चिकित्सकों की टीम ने 70 प्रतिशत जलने से मृत्यु की पुष्टि की है। लेकिन आग कैसे लगी... यह सस्पेंस बना हुआ है। अब पुलिस और फारेंसिक टीम इस गुत्थी को सुलझाने में जुट गई है। फारेंसिंक टीम व पुलिस ने मृतका के कमरे से कुछ डायरी आदि कब्जे में लिए हैं।
मंगलवार की सुबह साढे ग्यारह बजे कौशल्या फेस दो निवासी सहायक अध्यापिका 53 वर्षीय सुषमा पंत का जला हुआ शव अपने ही मकान के अंदर मिला। घटना के बाद यूपी के आजमगढ़ निवासी केयरटेकर पर हत्या का आरोप लगा। घटना के बाद पुलिस ने लाेगों से पूछताछ के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था आैर केयर टेकर को हिरासत में रखा है।
घटना की सही जानकारी के लिए फारेंसिक टीम का सहारा लिया और मौत की वास्तविकता जानने के लिए बर्न एक्सपर्ट सहित कई डाक्टरों का एक पैनल तैयार किया। बुधवार की दोपहर वीडियोग्राफी के साथ शिक्षिका के शव का पोस्टमार्टम हुआ। जिसमें आग से जलने से मृत्यु होने की पुष्टि हुई। यह भी पता चला कि शिक्षिका एक गंभीर व लाइलाज बीमारी से जूझ रही थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह भी जिक्र था कि शिक्षिका बीमारी के कारण लगातार शारीरिक विवशता का भी सामना कर रही थी।
अब सवाल उठ रहा है कि सुषमा आग की चपेट में आई कैसे ? पुलिस के अनुसार कमरे में कोई ज्वलन पदार्थ नहीं मिला। अगर गैस चूल्हा जलाया था तो उस पर कुछ तो पकाने को रखा होगा? चूल्हे पर ऐसा भी कुछ नहीं मिला है। लिहाजा अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर असंतुष्ट पुलिस व फारेंसिक टीम मामले की पड़ताल में जुटी है। सवाल उठता है कि यदि कमरे से कोई केमिकल, पेट्रोल या अन्य ज्वलनशील पदार्थ नहीं मिला है, तो आग कैसे लगी ? महिला शिक्षक का खाना रोजाना बाहर से आता था। ऐसे में उसके घर पर कुछ बनाने का सवाल भी नहीं उठ रहा है। सीओ प्रशांत कुमार ने बताया कि फारेंसिक टीम संग उन्होंने मृतक के कमरे की छानबीन की। मौके से मोबाइल फोन, चार डायरी, कब्जे में लिया है। बेड का कुछ हिस्सा जला हुआ था। फारेंसिक टीम ने सैंपल लिए हैं।
इन सवालों का नहीं मिला जवाब
- महिला जलकर मरी तो पका क्या रही थी, जबकि चूल्हा ज्यों का त्यों है ?
- चूल्हा भी शांत था आैर ज्वलनशीन पदार्थ भी कुछ नहीं था तो जली कैसे ?
- महिला का खाना भी बाहर से आता था।
- महिला गैस चूल्हे की चपेट में आई तो, घटना के बाद चूल्हे पर बर्तन, कुकिंग आइटम दूध, चाय आदि कुछ भी क्यों नहीं मिला?
- महिला का 70 प्रतिशत शरीर जल चुका था और बेड का एक कोना सिर्फ जला हुआ मिला। सवाल उठ रहा है कि महिला के ऊपर सीधे आग लगी या लगाई गई।
- यदि महिला ने स्वयं से आग लगाई, तब भी कोई कैमिकल आदि मौके से मिलना चाहिए था, लेकिन कुछ नहीं मिला।
इधर महिला शिक्षक के जलकर मौत के मामले में उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी समिति के अध्यक्ष अवतार सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया है कि महिला शिक्षक आरोपित व्यक्ति के खिलाफ कई बार पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। आरोप लगाया है कि उसकी हत्या आजमगढ़ निवासी व्यक्ति ने की है।
महिला शिक्षक की मृत्यु जलने से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 70 प्रतिशत शरीर जलने और गंभीर बीमारी की पुष्टि हुई है। घटना स्थल और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कोई केमिकल या ज्वलनशील पदार्थ की पुष्टि नहीं हुई है। आग लगी कैसे इस बारे में अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। सीओ और फारेंसिक टीम मौके पर गए थे। कुछ नमूने कलेक्ट किए हैं। जिसकी रिपोर्ट आने पर स्पष्ट होगा। फिलहाल महिला की सीडीआर निकाली जा रही है।
- मणिकांत मिश्रा, एसएसपी

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