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    भारत सरकार ने म्यांमार से भारतीयों को छुड़ाया, नौकरी के लिए थाईलैंड से वर्मा भेजने वाले छह एजेंटों पर प्राथमिकी

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 08:22 PM (IST)

    भारत सरकार ने म्यांमार से कुछ भारतीयों को बचाया है, जिन्हें नौकरी के लिए थाईलैंड से वर्मा भेजा गया था। इस मामले में, छह एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो लोगों को धोखा देकर अवैध रूप से सीमा पार करा रहे थे। सरकार ने तत्परता दिखाते हुए म्यांमार सरकार के साथ मिलकर इन भारतीयों को छुड़ाया।

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    चार अन्य की तलाश जारी है। प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। कुमाऊं के युवाओं को नौकरी के नाम पर थाईलैंड से अवैध रूप से वर्मा भेजने वाले गिरोह के छह एजेंटों के विरुद्ध साइबर थाना पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत की है। इस मामले में दो आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि चार अन्य की तलाश जारी है। पुलिस का मानना है कि जल्द ही इन चारों आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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    साइबर थाना प्रभारी अरूण कुमार ने बताया कि नवंबर में भारत सरकार ने म्यांमार वर्मा से कुछ भारतीयों को छुड़वाया था। जिसमें नवयुवकों को रोजगार दिलाने के नाम पर एजेंटों ने धोखाधडी से मोटा रुपया लेकर थाईलैंड के वीजा पर अवैध रूप से मयावाडी (वर्मा) स्थित केके पार्क में भेजा था। इसमें ऊधम सिंह नगर के जसपुर निवासी मोहम्मद आजम, मोहम्मद मोईन, मोहम्मद दानिश, जुनैद और काशीपुर निवासी मोहम्मद अयाज, पिथौरागढ़ के इन्द्रदेव जोशी, बागेश्वर के दीपक, जसपुर के अनुज कुमार, काशीपुर के आशुतोष शामिल हैं। इन सभी को साइबर थाना पुलिस ने देहरादून की टीम के माध्यम से उनके स्वजन के सुपुर्द किया था।

    पूछताछ में छुड़ाए गए युवकों ने बताया कि रोजगार के लिए एजेंटों ने उन्हें व्यक्तिगत, मोबाइल एप्लीकेशन, टेलीग्राम और वाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर धनराशि लेकर बैंकाक (थाईलैंड) भेजा था। उन्हें मोबाइल पर ही हवाई टिकट, वीजा और आवश्यक कागजात प्रदान किए गए थे। थाईलैंड से विभिन्न व्यक्तियों ने उन्हें अवैध रूप से नदी, नाला और पहाड़ पार कर म्यांमार के मयावाडी शहर के केके पार्क स्थित चाइनीज कंपनियों में बंधक बना दिया। वहां उन्हें जबरन साइबर अपराध के लिए प्रशिक्षण दिया गया और मोबाइल नंबरों की ट्रेसिंग का कार्य कराया गया।

    जांच में पता चला कि जसपुर निवासी सुनील कुमार, उसके भाई अशोक, पिंकी, नीरव चौधरी, प्रदीप, धनंजय और अन्य अज्ञात एजेंटों ने थाईलैंड में कंप्यूटर वर्क की नौकरी के नाम पर अवैध तरीके से युवाओं को म्यांमार भेजा। पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी पंजीकृत कर जांच शुरू कर दी है। साइबर थाना प्रभारी ने बताया कि सुनील पहले ही गिरफ्तार हो चुका है, जबकि नीरव चौधरी को गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अन्य चार आरोपितों की तलाश जारी है।