पति और देवर ने दहेज के लालच में पार की थी हैवानियत की हदें, अब पीड़िता को मिला इंसाफ
एक अदालत ने जानलेवा हमले के मामले में पति और देवर को पांच साल की कैद की सजा सुनाई। आरोपियों पर पत्नी पर जानलेवा हमला करने का आरोप था, जिसे अदालत ने सही पाया। पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई, जिससे समाज में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के प्रति एक कड़ा संदेश गया है।

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा की अदालत ने सुनाया फैसला। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर। महिला पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला करने के आरोपित पति और देवर को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा ने पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक कुमार अरोरा ने बताया कि 16 जून 2021 को गांव मढैया माधो टांडा पीलीभीत निवासी अजीत राय ने पंजीकृत प्राथमिकी में कहा था कि चार साल पहले उसकी बहन का शिखा विश्वास का विवाह सेमलपुरा बंगाली कालोनी शहदौरा किच्छा निवासी हरिदास विश्वास के साथ हुआ था। शादी के बाद उसकी बहन की दो पुत्रियां हुई।
विवाह के बाद से ही उसकी बहन के ससुराली दहेज में बाइक लाने का दबाव बनाने लगे। विरोध करने पर उससे मारपीट कर मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। 15 जून 2021 को उसकी बहन के ससुरालियों ने एक एकड़ जमीन अपने नाम करवाने का दबाव बनाते हुए उसे बेरहमी से पीटा। साथ ही बहन शिखा विश्वास के पति हरिदास विश्वास ने अपने छोटे भाई हरिमोहन के साथ मिलकर उसे जान से मारने के लिए धारदार हथियार से हमला कर दिया। इससे उसकी बहन के हाथ और गर्दन में चोट आई। इस बीच उसने मुश्किल से उसकी जान बची।
बाद में उपचार के दौरान शिखा के गर्दन पर 12 टांके आए। मामले में पुलिस ने प्राथमिकी पंजीकृत कर आरोपिताें को गिरफ्तार कर लिया। मामले की सुनवाई प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष कुमार मिश्रा की अदालत में हुई। एडीजीसी ने सात गवाह पेश किए। दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद अदालत ने 307 के दोषी पति हरिदास व देवर हरिमोहन को पांच साल कठोर कारावास और 25 हजार का अर्थदंड देने की सजा सुनाई।

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