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    Pilibhit Car Accident: दो दिन पहले गूंजी थी शहनाई, बेटी को विदा कर लाने गए थे पिता; लेकिन कफन में लौटा शव

    Updated: Fri, 06 Dec 2024 07:02 PM (IST)

    Pilibhit Car Accident जमौर गांव में खुशियों का माहौल मातम में बदल गया जब सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई। मंजूर अहमद अपनी बेटी हुस्ना बी को विदा करवाने के लिए पीलीभीत गए थे लेकिन वापस आते समय उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में मंजूर अहमद उनके समधी शरीफ अहमद बहन मुन्नी बेगम नाती राकिम रजा और चालक शाहे आलम की मौत हो गई।

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    Pilibhit Car Accident: हादसे की मनहूस खबर से स्वजनों में मचा कोहराम. Jagran

    जागरण संवाददाता, खटीमा। Pilibhit Car Accident: जमौर का वह घर, जहां अभी दो दिन पहले शहनाई गूंजी थी और उत्साह व उल्लास की गूंज अभी तक बनी हुई थी, अब वहां मातम पसरा है। यह वही घर है, जहां हुस्ना बी की शादी कर पूरे परिवार ने मिलकर अपनी बेटी की विदाई की रस्में निभाईं। उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि दो दिन बाद यही खुशी का मंजर मातम के सन्नाटे में तब्दील हो जाएगा।

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    गुरुवार की सुबह से घर में हलचल थी। हुस्ना बी को निकाह के बाद ससुराल से मायके लौटकर आना था तो उसकी तैयारियां हो रही थी। स्वजन वापसी पर बेटी के स्वागत के लिए जुटे थे। घरवालों को ही नहीं, आस-पड़ोस की महिलाओं को भी पहली बार दुल्हन के ससुराल से मायके लौटने का इंतजार था।

    खुद दुनिया से विदा हो गया पिता

    मंजूर अहमद व उनका परिवार बेटी को वापस लाने के लिए पूरी उम्मीद और खुशी के साथ निकला था, लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। न्यूरिया के पास एक सड़क हादसे ने न केवल उनके परिवार को, बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। जो पिता बेटी को विदा करवा कर लेने गया था, वह खुद दुनिया विदा हो गया।

    पिता मंजूर अहमद के अलावा उनके समधी शरीफ अहमद, बहन मुन्नी बेगम, नाती राकिम रजा और चालक शाहे आलम व बहनोई बहाउद्दीन सबने मौके पर ही दम तोड़ दिया। कुछ लोग जख्मी होकर अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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    पीलीभीत रोड स्थित जमौर गांव निवासी प्रमुख किसान मंजूर अहमद ने लाडली बेटी हुस्ना बी का निकाह चार दिसंबर को पीलीभीत के चंदोई गांव निवासी अनवर के साथ किया था। निकाह में दूरदराज से रिश्तेदारों के अलावा बड़ी संख्या में परिचित पहुंचे थे। मंजूर अहमद ने बेटी के निकाह में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने अच्छा खाना-पीना व बेटी को कार सहित भरपूर दान-दहेज भी उपहार स्वरुप दिया था। साथ ही बेटी को हंसी-खुशी विदा किया।

    बेटी की विदाई के अगले दिन उसे वापस लेने जाना था

    रस्‍म के अनुसार बेटी की विदाई के अगले दिन उसे वापस लेने जाना था, जिसके लिए मंजूर अहमद अपने समधी शरीफ अहमद, बहन मुन्नी बेगम, उनके बेटे रईश, बहन अमजदी उर्फ शहनाज, जाफरी, बहनोई बहाउद्दीन, पोता अहमद रजा व राकिब रजा के साथ कार से शुक्रवार को पीलीभीत गए थे। कार शाहे आलम चला रहा था। उनके अलावा दो अन्य वाहनों से भी मंजूर अहमद के रिश्तेदार गए थे।

    पीलीभीत में दावत खाने के बाद सभी लोग बेटी को लेकर कार से घर लौट रहे थे। एक कार में बेटी तो दूसरी कार मंजूर अहमद स्वजनों व रिश्तेदारों के साथ आ रहे थे। वहीं, जमौर में परिवार के लोग बेटी के आने का ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह इंतजार मनहूस खबर लेकर आने वाला है। रात में हादसे की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के लोग रात में ही घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े, जिसके बाद पांचों शवों को खटीमा स्थित घर पहुंचाया गया।

    किसान के साथ ग्राम चौकीदार भी थे मंजूर अहमद

    खटीमा : जमौर निवासी मंजूर अहमद गांव के प्रमुख किसान होने के साथ ग्राम चौकीदार पद पर कार्यरत थे। काफी मिलनसार होने के साथ ही लोगों के बीच उनकी गहरी पैठ थी। उनका भरा-पूरा शिक्षित परिवार है। परिवार में उनके अलावा चार बेटे व तीन बेटियां हैं, जिसमें से तीन बेटे व तीन बेटियां का निकाह हो चुका है, जबकि सबसे छोटा बेटा अभी अविवाहित है।

    मंजूर का बड़ा बेटा मो.अहमद सिविल कोर्ट में नौकरी करता है। अकील अहमद मदरसे में शिक्षा देते हैं। लईक अहमद उत्तराखंड पुलिस में सेवारत हैं। सबसे छोटा बेटा सोहेल पढ़ाई करने के साथ कंप्टीशन की तैयारी कर रहा है। इस घटना के बाद से उनके घर पर शोक जताने वालों का तांता लगा रहा। हर किसी की आंखें नम थी।

    सिविल कोर्ट के कर्मी मो.अहमद के निधन पर अधिवक्ता एसोसिएशन अध्यक्ष सूरज राना, वरिष्ठ अधिवक्ता केडी भट्ट, एएनएस मेहता, राकेश बिष्ट, भरत पांडे, इकबाल अहमद, राम बचन आदि शोक जताया।

    परिवार का चहेता था राकिब रजा

    खटीमा : हादसे में शिकार हुए मंजूर के सबसे बड़े बेटे मो.अहमद का बेटा राकिब बंडिया स्थित केंद्रीय विद्यालय में कक्षा छह का छात्र था। वह पढ़ने में काफी होशियार होने के साथ ही परिवार का चहेता भी था। परिवार के लोगों को उससे काफी उम्मीद थी। कहते थे कि पढ़-लिखकर राकिब परिवार का नाम रोशन करेगा।

    कुशल मैकेनिक के साथ ही सामाजिक भी थे शरीफ

    खटीमा : गौटिया निवासी शरीफ की पीलीभीत रोड पर वाहन रिपेयरिंग की दुकान है। वह कुशल मैकेनिक होने के साथ ही सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। उनके बड़े बेटे सलीम अहमद का निकाह मंजूर अहमद की बेटी से हुआ है।

    खुशी-खुशी बेटे के साथ घर से निकली थीं मुन्नी बेगम

    खटीमा: भूड़ महोलिया निवासी मुन्नी बेगम पत्नी नजीर अहमद अपने बड़े भाई मंजूर अहमद की बेटी हुस्ना बी के निकाह में शामिल होने के लिए बेटे रईश अहमद के साथ गई थी। हादसे ने मुन्नी बेगम की जान ले ली, जबकि बेटा रईश गंभीर रूप से घायल हो गया। निकाह में जाने के लिए मुन्नी बेगम घर से खुशी-खुशी निकली थी, लेकिन वापस मुन्नी की लाश आई, जिसके बाद स्वजनों में कोहराम मच गया।

    स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मुन्नी के दो बेटे अमीर अहमद, रईश अहमद व दो बेटियां जुबैदा, जीनत हैं। जीनत को छोड़कर सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। मुन्नी का भरा-पूरा परिवार खुशी पूर्वक जीवन यापन कर रहा था, लेकिन हादसे के बाद से उनके परिवार में मातम पसरा हुआ है। शुक्रवार को घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा।

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    दो मासूम बेटों व पत्नी को रोता-बिलखता छोड़ गया शाहे आलम

    खटीमा : कार हादसे में शिकार हुए खटीमा सत्रहमील निवासी कार चालक शाहे आलम उर्फ गुड्डू के पिता मुन्ने का क्रशर है, जिस पर वह अपने पिता व भाइयों के साथ काम करता था। हादसे में क्षतिग्रस्त हुई आरर्टिका कार भी शाहे आलम की ही थी। उसके तीन भाई जाने आलम, अफरोज व फिरोज है।

    भाइयों में वह सबसे बड़ा था। वर्ष 2015 में उसकी तुमड़िया निवासी सीमा से शादी हुई थी। उसके दो मासूम बेटे सुऐब आलम व शहनवाज है। घटना के बाद से स्वजनों का रो-रोककर बुरा हाल है।

    पोते व दादा को एक साथ किया सुपुर्द ए खाक

    खटीमा : मंजूर अहमद व उनके पोते राकिब रजा को कब्रिस्तान में एक साथ सुपुर्द ए खाक किया गया। दोनों की कब्र अगल-बगल जमौर स्थित कब्रिस्तान में ही बनाई गई थी, जबकि मुन्नी बेगम को भूड़ महोलिया स्थित कब्रिस्तान, गौटिया के शरीफ अहमद को खटीमा के कब्रिस्तान व कार चालक सत्रहमील निवासी शाहे आलम को भगचुरी स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द ए खाक किया गया है।