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    Uttarakhand Panchayat Chunav: घर में टॉयलेट ना हो या अतिक्रमण किया है तो नामांकन रद, इन कारणों से नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 03:14 PM (IST)

    काशीपुर में पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों के लिए कई कानूनी अयोग्यताएं हैं। नामांकन रद्द होने से लेकर चुनाव जीतने के बाद पद से हटाने तक के प्रावधान हैं। अतिक्रमणकारी सजायाफ्ता अपराधी दो से अधिक बच्चों वाले और शौचालय विहीन घर वाले चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। गलत जानकारी देने पर चुनाव याचिका दायर करके चुनाव अवैध घोषित किया जा सकता है।

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    शौचालय विहीन घर में रहने वाले व अतिक्रमणकारी भी नहीं लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव. Concept Photo

    जागरण संवाददाता, काशीपुर। जहां पंचायत चुनाव में निर्धारित योग्यता को लेकर उम्मीदवारों का टेंशन बढ़ा हुआ है वहीं कई ऐसे कानूनी प्रावधान हैं जिनके अंतर्गत उम्मीदवारों के नामांकन रद हो सकते हैं। इन नियमों के तहत चुनाव हो जाने के बाद भी शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई कर पद से हटाने तक का प्रावधान है।

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    कोई अतिक्रमणकारी, अपराध में सजायाफ्ता, दो से अधिक संतानों वाले, शौचालय विहीन घर में रहने वाले, पत्नी या महिला के स्थान पर पद कार्य करने वाले सहित विभिन्न लोग पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। ऐसे उम्मीदवारों पर आपत्ति लगाायी जा सकती है तथा नामांकन रद् किया जा सकता है।

    अगर ऐसे लोग चुनाव जीत भी जाते है तो उन्हें सरकार द्वारा हटाया जा सकता है, वहीं चुनाव याचिका दायर करके उनका चुनाव अवैध भी घोषित कराया जा सकता है।

    कानूनी विशेषज्ञ व वरिष्ठ अधिवक्ता नदीम उद्दीन ने पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की अयोग्यता सम्बन्धी जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत प्रधान, उप प्रधान तथा सदस्य के लिये अयोग्यता का प्रावधान उत्तरारखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 (यथा संशोधित) की धारा 8 में हैं जबकि क्षेत्र पंचायत के सदस्यता के लिये अयोग्यता का प्रावधान .धारा 53 तथा जिला पंचायत सदस्य की अयोग्यता का प्रावधान धारा 90 में किया गया है। इसमें अयोग्यता सम्बन्धी प्रावधान लगभग समान है।

    किन-किन कारणों से चुनाव नामांकन किया जा सकता है रद

    • ग्राम पंचायत का वैतनिक सदस्य, कोई भी सरकारी या स्थानीय निकाय (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि सहित) का पद धारण करने वाला
    • सरकार या स्थानीय निकाय की सेवा से बर्खास्त, ग्राम पंचायत का बकायादार, नगर निकाय का सदस्य, दिवालिया
    • अपराधों में दोषसिद्ध, सरकार द्वारा पंचायत पदाधिकारी पद से पद के दुरूपयोग पर हटाया गया
    • महिला पदाधिकारी के स्थान पर कार्य करने वाला पति या उसके परिवार का अन्य सदस्य,
    • हाई स्कूल उत्तीर्ण न होना (महिला अअनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मामले में आठवां पास) न होना
    • दो से अधिक जीवित संतान होना, सरकारी/पंचायती राज विभाग की भूमि पर अनाधिकृत कब्जा, सरकारी धन गबन
    • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8, 8क, 9, 9क तथा 10 के अन्तर्गत अयोग्यता वाला
    • चुनाव में भ्रष्टाचार के कारण अयोग्य घोषित
    • घर में शौचालय स्थापित न होना, वोटर लिस्ट से प्रविष्टि निकाल दी जाना, एक साथ दो पद धारण करना शामिल

    किन-किन अपराधिक मामलों में हो सकते हैं दोष सिद्ध

    अपराधी सम्बन्धी अयोग्यता में संबंधित धाराओं में उल्लेखित सजा व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8, में अपराधों में दोषसिद्ध व्यक्ति शामिल हैं। इस अपराधों में धर्म, मूलवंश, जन्म स्थान, निवास स्थान, भाषा आदि के आधार पर शत्रुता फैलाने के कार्य का आईपीसी की धारा 153ए (बी.एन.एस. की धारा 196), विभिन्न वर्गों में शुत्रुता, वैभनस्य फैलाने वाले कथन करने व फैलाने के धारा 506 बी.एन.एस. की धारा 353), का अपराध भी शामिल हैं।

    इसके अतिरिक्त चुनाव में रिश्वत या आवश्यक प्रभाव का प्रयोग, दुष्कर्म से सम्बन्धित अपराध, नशीले पदार्थों सम्बन्धी अपराध, स्त्री के पति या नातेदारों द्वारा क्रूरता, सीमाशुल्क, विधि विरूद्ध क्रियाकलाप, आतंकवाद, धार्मिक संस्था दुरूपयोग, चुनाव अपराध, उपासना स्थल, राष्ट्र गौरव, उपासना स्थल, सिविल अधिकार संरक्षण सम्बन्धी अपराधों में कोई सजा पाया व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता है।

    जबकि आवश्यक वस्तु अधिनियम, आबकारी अधिनियम, के अन्तर्गत तीन माह से अधिक की सजा पाये, जमाखोरी, या मुनाफाखोरी, खाद्य व औषधि मिलावट, दहेज निरोधक चुनाव के सम्बन्ध में वर्गों में शत्रुता (लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125) सती निवारण कानून के अन्तर्गत छः माह से अधिक की सजा पाये तथा अन्य किसी भी अपराध में दो वर्ष या अधिक की सजा पाये व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते है।