उत्तराखंड के इन दो गांवों में गूंजा संकल्प, न नशा करेंगे और न करने देंगे
रुद्रपुर में नशा युवाओं के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है जिससे अपराध बढ़ रहा है। खटीमा के वनगावा और मझोला गांवों के लोगों ने नशाखोरी के खिलाफ एक मजबूत कदम उठाया है। उन्होंने अपने गांवों को नशामुक्त बनाने का संकल्प लिया है और इसके लिए सामूहिक प्रयास करने का निर्णय लिया है। वे पुलिस की मदद से नशा बेचने और करने वालों पर रोक लगाएंगे।

वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर। नशा युवाओं के नसों में जहर घोल रहा है। इसकी पूर्ति के लिए वह अपराध के दलदल में धंस रहा है।इसमें प्रदेश की बात दूर जिला ऊधम सिंह नगर तो सर्वाधिक प्रभावित है। इस नशे के खिलाफ सीमांत क्षेत्र खटीमा के वनगावा आैर मझोला के ग्रामीणों में जागरुकता का नशा दिखाई दिया है।
इन गांवों के ग्रामीणों ने खुद ही सामूहिक बैठक करके संकल्प लिया है कि गांव में न नशा करने देंगे और न बेचने देंगे। इसके अलावा ग्रामीणों ने गांवों में होने वाले व्यक्तिगत कार्यक्रमों में भी इसकी रोकथाम के लिए ठोस प्लान तैयार किया है।
देवभूमि मादक पदार्थों की तस्करी का गढ़ बनती जा रही है। उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, पंजाब के साथ ही अन्य राज्यों से आने वाले मादक पदार्थ जिले के साथ ही राज्य भर में खपाया जा रहा है। जिससे स्कूली छात्रों के साथ ही युवा नशे के चंगुल में फंसकर असमय ही मौत के मुंह में समा रहा है। राज्य में छोड़ दें तो जिले में ही इस तरह के कई केस सामने आ चुके हैं। ऐसे में एक नशा जागरुकता का भी दिखाई दिया है।
खटीमा के ग्राम वनगावा और मझोला के ग्रामीण नशे के खिलाफ हो गए हैं। ग्राम प्रधान की अगुवाई में ग्रामीणों ने पहले गांव में बैठक की। ग्रामीणों से कहा गया कि नशे के खिलाफ जागरुकता में सभी की इच्छा शक्ति दिखाई देनी चाहिए। इसे हम न करेंगे आैर न गांवों में किसी को करने देंगे। ग्रामीणों ने कहा कि हो सकता है कि इसमें कई प्रकार से विवाद का सामना करना पड़े। इससे निपटने के लिए पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया। सभी ग्रामीण प्रधान के नेतृत्व में एसएसपी मणिकांत मिश्रा से मिले। ग्रामीणों ने अपने निर्णय से एसएसपी से अवगत कराया। एसएसपी ने अच्छी पहल बताते हुए हरसंभव मदद की बात कही।
पहले घर से करेंगे साफ, फिर करेंगे बाहर
नशे को पहले वह अपने गांव से खत्म करेंगे। इसके बाद आसपास के गांवों को भी इसके प्रति जागरूक करेंगे। हमारे गांव में शादी-समारोह समेत कोई भी आयोजन होता है आैर बाहर से कोई शामिल होगा तो पहले ही गांव में नशे के पूरी तरह प्रतिबंधित होने की जानकारी दी जाएगी। फिर भी कोई जबरदस्ती करता है तो पुलिस की मदद ली जाएगी। गांव में कई घर इससे बर्बाद हो चुके हैं, कई जवानों की मौत हो चुकी है। तब जाकर हमने ऐसा निर्णय लिया है। - प्रेम सिंह, ग्राम प्रधान वनगावा
15 साल से ग्राम प्रधान हैं। गांव में नशे से होने वाली कई मौत देख चुका हूं। कई बच्चे भी अनाथ हो चुके है। जिसे देखकर रोना आता था। कल उनके परिवार में भी किसी को नशे की लत न पड़ जाए, ऐसे में गांव की भलाई के लिए एसएसपी से मिले। जितनी उनसे उम्मीद थी, उससे बढ़कर उन्होंने मदद कर समस्या का समाधान किया। - मुकेश कुमार, ग्राम प्रधान मझोला
आठ माह में पुलिस ने पकड़े मादक पदार्थ
रुद्रपुर: पुलिस ने इस साल अब तक 195 से अधिक एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी पंजीकृत कर 1014 तस्करों को गिरफ्तार कर चुकी है। उनसे 31 किलो 718 ग्राम चरस, सात किलो 337 ग्राम स्मैक, 350 ग्राम हेरोइन, 631 किलो गांजा, सात किलो 902 ग्राम अफीम तथा 25 किलो 335 ग्राम डोडा बरामद किया है।
छह मादक पदार्थ के तस्कर मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार
रुद्रपुर: नशे के विरुद्ध पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके लिए पुलिस छह तस्करों को पुलिस मुठभेड़ में गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें 17 दिसंबर को काशीपुर में पुलिस मुठभेड़ के बाद तस्कर गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 28 दिसंबर, 27 जनवरी और तीन फरवरी को नानकमत्ता में तथा छह फरवरी 2025 को खटीमा और 25 अगस्त 2025 को नानकमत्ता में स्मैक तस्कर को पुलिस ने मुइभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है।
गांव वनगावा और मझोला के ग्रामीणों की पहल सराहनीय है। कुछ दिन पहले वह उनसे मिले थे। नशावृत्ति की समस्या बताई। जिसके बाद उन्होंने गांव में न नशा बेचने देंगे और न करने देंगे का संकल्प लिया। इसी तरह अन्य क्षेत्रों के ग्रामीणों को भी प्रेरणा लेने की जरूरत है। पुलिस भी गांवों में जागरूकता कार्यक्रम करेगी। - मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधम सिंह नगर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।