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चीन सीमा पर नेलांग में घनघनाई मोबाइल की घंटी, 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली करा दिया गया था गांव

नेलांग गांव में बीएसएनएल की मोबाइल सेवा शुरू होने से अब ग्रामीणों पर्यटकों और सुरक्षा बलों को संचार में आसानी होगी। अभी तक नेलांग क्षेत्र में संचार की कोई सुविधा नहीं थी। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली कराए गए इस गांव में फिर से बसाव की कवायद चल रही है। जादूंग में छह होम स्टे बन रहे हैं और पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की तैयारी है।

By dinesh kukreti Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sun, 06 Oct 2024 12:27 PM (IST)
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बीएसएनएल के मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी। प्रतीकात्‍मक

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। चीन सीमा पर स्थित नेलांग गांव में रविवार से बीएसएनएल के मोबाइल की घंटी घनघनाने लगी है। अभी तक नेलांग क्षेत्र में संचार की कोई सुविधा नहीं थी। आइटीबीपी व सेना के जवान भी सेटेलाइट फोन के जरिये ही स्वजन से संपर्क करते थे, जिसकी काल दर काफी महंगी पड़ती थी।

अभी चीन सीमा पर जादूंग, नीला पानी, सोनम, पीडीए, नागा त्रिपानी क्षेत्र में छह टावर और लगाए जाने हैं। नेलांग में बीते दो अक्टूबर से बीएसएनएल के टावर ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए आइटीबीपी के हिमवीर और सेना के जवानों ने बीएसएनएल का आभार जताया है।

इन गांवों में पर्यटन गतिविधि भी शुरू करने की तैयारी

उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली करा दिया गया था। अब फिर से इन गांवों में यहां के मूल निवासियों के बसाने के कवायद चल रही है। जादूंग में छह होम स्टे बनाने का काम चल रहा है। साथ ही इन गांवों में पर्यटन गतिविधि भी शुरू करने की तैयारी है।

चीन सीमा पर नेलांग व जादूंग सहित नौ स्थानों पर आइटीबीपी और सेना की चौकियां हैं। जहां वर्षभर आइटीबीपी और सेना के जवान तैनात रहते हैं। शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी के कारण इन चौकियां का जिला मुख्यालय से संपर्क भी कट जाता है।

अभी तक इस क्षेत्र में संचार का माध्यम केवल सेटेलाइट फोन है, जिस पर काल दर महंगी होने के साथ इसका उपयोग सेना व आइटीबीपी के कार्यालय से ही संभव हो पाता है।  अब आइटीबीपी, सेना, पर्यटक व ग्रामीणों की सुविधा के लिए नेलांग में मोबाइल सेवा संचालित हो चुकी है।

भारत संचार निगम लि. टिहरी के सहायक महाप्रबंधक अनीत कुमार ने बताया कि जादूंग में मोबाइल टावर लगाने की कवायद चल रही है। बीएसएनएल ने इसके लिए स्थान भी चिह्नित कर दिया है। अन्य चौकियों के क्षेत्र में भी टावर के लिए स्थान का चयन किया जा रहा है।

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