उत्तरकाशी में थूक जिहाद से गरमाया माहौल, बीते साल मस्जिद विवाद के चलते हुआ था बवाल
उत्तरकाशी में थूक जिहाद के मामले ने पिछले साल हुए मस्जिद विवाद की यादें ताजा कर दी हैं। पिछले साल अक्टूबर में मस्जिद को लेकर विवाद हुआ था, जिसके कारण शहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया था। हिंदू संगठनों ने मस्जिद के विरोध में रैली निकाली थी, जिसके बाद झड़पें हुईं और निषेधाज्ञा लगानी पड़ी थी। बाद में मुस्लिम समुदाय हाईकोर्ट गया, जिसके बाद मस्जिद की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

थूक जिहाद प्रकरण से ताजा हुई गत वर्ष मस्जिद विवाद की याद। आर्काइव
जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी। शहर में थूक जिहाद प्रकरण से बीते वर्ष अक्टूबर माह में हुए मस्जिद विवाद की यादें ताजा हो गई। मस्जिद विवाद के चलते भी करीब तीन माह तक उत्तरकाशी का माहौल गरमाया रहा था। गत वर्ष वर्ष 24 अक्टूबर को मस्जिद के विरोध में हिंदू संगठनों ने जनाक्रोश रैली निकाली थी, सिंघल तिराहे पर रैली में शामिल लोगों को रोके जाने के लिए उन्होंने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी, जिस पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा, जिसमें 9 पुलिसकर्मी सहित 18 प्रदर्शनकारी घायल हो गए थे।
बीते वर्ष अगस्त माह में मस्जिद विवाद की शुरुआत हिंदू संगठन के एक कार्यकर्ता को सूचनाधिकार में मिली एक जानकारी से हुई थी, जिसमें यह जानकारी मांग गयी थी कि मस्जिद के नाम पर कोई पट्टे, फ्री-होल्ड नजूल की भूमि तो स्वीकृत नहीं है। इस पर प्रशासन की ओर से यह जानकारी दी गयी थी कि बाड़ाहाट नगर क्षेत्रांतर्गत मस्जिद के नाम से कोई भूमि नजूल फ्री-होल्ड पट्टा आवंंटन नहीं है।
ये जानकारी मिलने की देर थी और हिंदू संगठनों ने मस्जिद का विरोध शुरू कर दिया था। बाद में जिला प्रशासन ने बताया था कि मस्जिद के नाम नजूल फ्री-होल्ड या पट्टा आवंटन की भूमि नहीं बल्कि जो भूमि है वह भूमिधरी श्रेणी क की है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से संबंधित आरटीआइ आवेदक को विस्तार से जानकारी देने की बात कही गई थी। लेकिन संबंधित संगठन ने बाद में दी गयी जानकारी को मानने से इंकार कर दिया था। इस कारण अगस्त से लेकर अक्टूबर तक माहौल गर्माया रहा। उस दौरान दो दिन तक बाजार बंद रहा था। साथ ही लंबे समय तक निषेधाज्ञा भी लागू रही थी।
गत एक दिसंबर को हिंदूवादी संगठनों ने रामलीला मैदान में हिंदू महापंचायत का भी आयोजन किया था, जिसमें हैदराबाद के सांसद टी राजा सिंह बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए थे। बाद में, मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद विवाद को लेकर हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट के निर्देश पर मस्जिद की सुरक्षा को पुलिस बल तैनात किया गया, जो आज भी तैनात है।
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