हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार, तुलसीदास जी को ने रामचरितमानस की रचना की थी। श्रावण माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर ही तुलसीदास जी का जन्म हुआ था।
31 जुलाई को तुलसीदास जी की जयंती मनाई जा रही है। ऐसे में आज हम आपको तुलसीदास जी के कुछ ऐसे प्रेरणादायक दोहे बताएंगे, जो आपकी लाइफ बदल सकते हैं।
तुलसी काया खेत है, मनसा भयौ किसान। पाप-पुन्य दोउ बीज हैं, बुवै सो लुनै निदान।।
हमारा शरीर एक खेत के समान है और मन इस खेत रूपी शरीर का किसान है। किसान जैसा बीज खेत में बोता है, वैसा ही फल पाता है।
माता-पिता गुरु स्वामि सिख, सिर धरि करहिं सुभाय। लहेउ लाभु तिन्ह जनम कर, नतरु जनम जग जाये।।
जो व्यक्ति अपने माता-पिता और गुरुओं के आदेश का पालन करता है, इस दुनिया में इसी का जन्म सिद्धि होता है। जो व्यक्ति माता-पिता या गुरुजनों की बातों की अवहेलना करता है, उसका धरती पर जन्म लेना व्यर्थ है।
तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहुँ ओर। बसीकरन इक मंत्र है परिहरू बचन कठोर।।
मीठी वाणी बोलने से चारो ओर सुख का प्रकाश फैलता है। मीठी वाणी बोलकर किसी का भी दिल जीता जा सकता है। व्यक्ति को हमेशा मीठे वचन बोलने की कोशिश करनी चाहिए।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com