Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kanchanjunga Express Accident: कंचनजंगा एक्सप्रेस को मालगाड़ी ने पीछे से मारी टक्कर, बोगियों के उड़े परखच्चे; हादसे के बाद बदला बाकी ट्रेनों का रूट

    Updated: Mon, 17 Jun 2024 11:45 PM (IST)

    Kanchanjunga Express Accident बंगाल के दार्जिलिंग जिले में निजबाड़ी स्टेशन के पास सोमवार सुबह करीब नौ बजे सिग्नल तोड़कर तेजी से आगे जा रही मालगाड़ी ने अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन (Kanchanjunga Express) को पीछे से टक्कर मार दी। इससे कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से की चार बोगियां मालगाड़ी के ईंजन के ऊपर और आसपास उछल गईं।

    Hero Image
    जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने लगे।

    जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। Kanchanjunga Express Accident: बंगाल के दार्जिलिंग जिले में निजबाड़ी स्टेशन के पास सोमवार सुबह करीब नौ बजे सिग्नल तोड़कर तेजी से आगे जा रही मालगाड़ी ने अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस ट्रेन (Kanchanjunga Express) को पीछे से टक्कर मार दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ईंजन के ऊपर उछली बोगियां

    इससे कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से की चार बोगियां मालगाड़ी के ईंजन के ऊपर और आसपास उछल गईं। इस दुर्घटना में मालगाड़ी के चालक और पैसेंजर ट्रेन के गार्ड समेत तीन रेल कर्मचारियों और छह यात्रियों की मौत हुई है जबकि 41 लोग घायल हुए हैं। घायलों को सिलीगुड़ी के अस्पताल में दाखिल कराया गया है। इनमें नौ की हालत गंभीर है। हादसे की वजह से इस रेल मार्ग पर दर्जनों ट्रेनें रद कर दी गईं, जबकि दो दर्जन ट्रेनों के रूट बदले गए।

    इस दुर्घटना पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित अन्य नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रत्येक मृतक के स्वजन को दो लाख रुपये व प्रत्येक घायल को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मारे गए यात्रियों के परिवार को दस-दस लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों के लिए ढाई लाख और मामूली चोट वाले यात्रियों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी।

    दुर्घटनास्थल पहुंचे रेल मंत्री

    दिल्ली से बागडोगरा एयरपोर्ट पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव एक स्थानीय युवक की मोटर साइकिल पर बैठकर घटनास्थल पर पहुंचे। कहा कि यह राजनीति का समय नहीं है। रेलवे सुरक्षा आयोग पूरी जांच करेगा। हम इस दुर्घटना के पीछे के कारण की पहचान करेंगे और भविष्य के लिए उचित उपाय करेंगे। घटना के लिए प्रारंभिक तौर पर रेलवे ने सिग्नल तोड़कर आगे बढ़ने के लिए मालगाड़ी के चालक (लोको पायलट) की गलती मानी है, जिसकी इस दुर्घटना में मौत हो गई।

    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी घटनास्थल पहुंची और अस्पताल जाकर घायलों से मिलीं। ममता ने कहा कि केंद्र की सरकार को चुनावों में जीतने से मतलब है। सुरक्षा और व्यवस्था पर किसी की नजर नहीं है। त्रिपुरा सरकार ने भी आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

    सिग्नल फेल था, फिर भी कंचनजंघा के पीछे दौड़ी मालगाड़ी

    रेलवे सूत्रों के अनुसार, दार्जिलिंग जिले के रांगापानी से चटेर हाट स्टेशन के बीच इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम काम नहीं कर रहा था। सुबह 5.50 बजे से सिस्टम में खराबी थी। कंचनजंघा एक्सप्रेस सुबह 8:27 बजे रांगापानी से चली। जब स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली विफल हो जाती है, तो स्टेशन मास्टर 'टीए 912' नामक एक लिखित अधिकार-पत्र जारी करता है, जो चालक को लाल सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है। ऐसे में ट्रेन की गति दस किलोमीटर प्रति घंटा रखनी होती है और प्रत्येक लाल सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट रोकना होता है।

    कंचनजंघा एक्सप्रेस के चालक ने इस व्यवस्था का पालन किया। उसके ठीक पीछे कंटेनर लेकर चली मालगाड़ी की गति काफी तेज थी। चटेर हाट स्टेशन से अनुमति नहीं मिलने तक मालगाड़ी को टीए 912 नहीं दिया जा सकता था, लेकिन इस नियम का पालन नहीं हुआ। मालगाड़ी के ड्राइवर ने लाल सिग्नल की स्थिति में बरती जाने वाली सतर्कता का पालन नहीं किया। वह रेड सिग्नल पार करते हुए तेज गति से बढ़ा और 8.55 बजे कंचनजंघा एक्सप्रेस को टक्कर मार दी।

    जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर लोग दौड़े

    जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के लोग दुर्घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को सुरक्षित निकालने लगे। खबर फैली तो रेलवे और राज्य प्रशासन की ओर से राहत-बचाव कार्य शुरू हुआ।

    एनडीआरएफ की टीम, चिकित्सकों की टीम और एंबुलेंस भी घटनास्थल पर पहुंचाए गए। घायलों को उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिर सांसद, मेयर, विधायक, मंत्री समेत अन्य वीआइपी मौके पर पहुंचे लगे।

    राज्यपाल सीवी आनंद बोस और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार भी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। याद आया कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसाएक साल पहले दो जून को बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस से टकराने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में 300 से अधिक लोग मारे गये और 1,000 से अधिक लोग घायल हो गये थे।