'जल्दबाजी न दिखाएं चुनाव आयोग नहीं तो...', मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर अमर्त्य सेन ने EC को क्या दी सलाह?
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को ठीक से बनाना अच्छा है पर जल्दबाजी में गरीब और सीमांत लोगों का मताधिकार छिन सकता है क्योंकि उनके लिए दस्तावेज जमा करना मुश्किल होगा। सेन ने सुप्रीम कोर्ट से प्रक्रिया पर निगरानी रखने को कहा है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : नोबेल पदक जयी अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर आगाह किया है।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची को सही तरीके से तैयार करना अच्छी प्रक्रिया हो सकती है लेकिन इसमें जल्दबाजी किए जाने पर भारी भूल होने की आशंका है, जिससे देश के गरीब व सीमांत वर्ग का मताधिकार छीन लेने जैसी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है।
कारण, उनके लिए चुनाव आयोग के पास जल्दी दस्तावेज जमा करा पाना कठिन होगा। मतदाता सूची में संशोधन में जल्दबाजी करने से अगर और गलतियां हो गईं तो इसका बहुत बुरा परिणाम हो सकता है।
पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ काम करने की जरूरत: अमर्त्य सेन
पर्याप्त समय व पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ यह काम किए जाने की जरुरत है। सेन ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट को पूरी प्रक्रिया पर निगरानी रखनी चाहिए ताकि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जा सके।
दूसरी तरफ केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा-'बांग्लादेशियों व घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटने न पाए इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है। बंगालियों के नाम मतदाता सूची से न हटे, यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार दायित्व है। इसी तरह भारतीय मुसलमान भी भारत में ही रहेंगे।
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